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Zulf Shayari in Hindi ज़ुल्फों पर हिंदी शायरी
Zulf Shayari in Hindi ज़ुल्फों पर हिंदी शायरी

Zulf Shayari in Hindi

ज़ुल्फों पर हिंदी शायरी

प्यार की शायरी में महबूब की ज़ुल्फ़ का ज़िक्र ज़रूर होता है, शायर अपने महबूब की घनी जुल्फों को बादलों और सुहानी रात की उपमा देतें हैं, पेश है ऐसे ही कुछ खूबसूरत शेर जो महबूब की जुल्फों पर कहे गएँ हैं.

सभी हिंदी शायरी की लिस्ट यहाँ हैं। Hindi Shayari

***

आह को चाहिये इक उम्र असर होते तक

कौन जीता है तेरी जुल्फ के सर होते तक~मिर्ज़ा ग़ालिब

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ख़ाना-ज़ाद-ए-ज़ुल्फ़ हैं, जंज़ीर से भागेंगे क्यों

हैं गिरफ़्तारे-वफ़ा, जिन्दां से घबरावेंगे क्या।~मिर्ज़ा ग़ालिब

***

कैदी तेरी जुल्फों का है आजाद जहां से।

मुझको रिहाई तो सजाओ ने दिलाई।

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लिपट के तेरी जुल्फों में बादलों में खो जाना

फिर से तेरी आंखों में डूब के पार हो जाना

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तेरी आँखों की नमकीन मस्तियां तेरी हंसी की बेपरवाह गुस्तखीयां

तेरी जुल्फों की लहराती अंगडाईयां नहीं भुलूंगा मैं जब तक है जान…जब तक है जान।

*** Zulf Shayari in Hindi

खुदखुशी करने से मुझे कोई परहेज नही है

बस शत॔ ईतनी है कि फंदा तेरी जुल्फों का हो

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रूठ कर तेरी जुल्फों से चाँद भी सहम गया ।

दागदार तो था ही बादलों में भी छिप गया।।

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यूँ मिलकर सनम तुमसे रोने को जी चाहता है

तेरी जुल्फों के साए में सोने को जी चाहता है ……!!!

***

तुझे देखेंगे सितारे तो ज़िया मांगेंगे

प्यासे तेरी जुल्फों से घटा मांगेंगे,,

*** Zulf Shayari in Hindi

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वो हया सी हँसी ..वो तेरी जुल्फों का चेहरे पर आके तुझे परेशान करना..

वो तेरा अपने होंठो के चाँद को …मेरे माथे पर उकेरना

***

बिखरने दे तेरी खुशबू

महक जाने दे फिजाओं को,

खुलके बिखरने दे जुल्फों को,

बरस जाने दे घटाओं को

लहरा दे दुपट्टा अपना एक बार

बहक जाने दे हवाओं को

***

जुल्फों में तेरी पेंच ओ ख़म जितने….

मेरी मजबूरियाँ मेरे मुश्किलात बस इतने

***

तेरी जुल्फों की छाँव के भी तजुर्बे अजब रहे,

जब-जब किया साया, झुलसता ही रहा हूँ…

*** Zulf Shayari in Hindi

“तेरे रूखसार पर बिखरी जुल्फों की घटा…

मैं क्या कहूँ ऐ चाँद, हाय! तेरी हर अदा!!”

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ये रात की तन्हाई और ज़िक्र तेरी जुल्फों का ..

क्या खूब जैसे रात भी क़ैद थी तेरी जुल्फों के तले

***

हम ने जो कि थि मोहब्बत आज भी हे तेरी जुल्फों कि साय कि चाहत आज भी हे

रात कट्ती हे आज भी खयालों मे तेरे दिवानों सी वो मेरि हालत आज भी हे

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क़ैद मांगी थी, रिहाई तो नहीं मांगी थी

तेरी जुल्फों से जुदाई तो नहीं मांगी थी

*** Zulf Shayari in Hindi

गर्मी सुरज की महसुस की है तेरे आगोश में मैने,

बर्फ की ठंडक मिली है तेरी जुल्फों के मोहपाशों से

***

हमने जो की थी मोहब्बत आज भी है, तेरी जुल्फों के साए की चाहत आज भी है,

रात कटती है आज भी खयालों में तेरे, दीवानों सी हालत मेरी आज भी है!

***

 

जिस हाथ से मैंने तेरी जुल्फों को छुआ था…

छुप छुप के उसी हाथ को मैं चूम रहा हूं… मुशीर झिंझानवी

*** Zulf Shayari in Hindi

ढूंढती हैं तेरी महकी हुई जुल्फों की बहार ,

चांदनी रात के ज़ीने से उतर कर यादें

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कोई हवा का झोंका जब तेरी जुल्फों को बिखराता है..

कसम खुदा की… तू बड़ा ही कातिल नजर आता है…ii

***

तेरी जुल्फों की तरह बिखर जाने को जी करता हैं,

अब मुझे प्यार मे हद से ज्यादा गुजर जाने को जी करता है

*** Zulf Shayari in Hindi

इजाजत हो तो मैं तस्दीक कर लूँ तेरी जुल्फों से,

सुना है जिन्दगी इक खूबसूरत दाम है साकी। -‘अदम’

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ये रात की तन्हाई और ज़िक्र तेरी जुल्फों का…

क्या खूब जैसे रात भी क़ैद थी तेरी जुल्फों के तले…

***

तेरी आगोश में आके, मैं दुनिया भूल जाता हूँ।

तेरी जुल्फों के साये में, सुकूँ की नींद पाता हूँ।।

***

सूरज का यूँ अफ़क़ पे गुरूब हो जाना तो कुछ तय सा था,

पर फिर ये तेरी जुल्फों की काली घटाएं क़यामत ले आई ।

*** Zulf Shayari in Hindi

जो गुजरे इश्क में सावन सुहाने, याद आते हैं

तेरी जुल्फों के मुझको शामियाने याद आते हैं..

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आंसमा पे सरकता चाँद, और कुछ रातें थी सुहानी,

तेरी जुल्फों से गुजरती हुई उंगलियाँ, और तेरी साँसे थी जैसे मीठा पानी

***

तेरी हर इक शाम को मै बना दूँ रंगीन शाम

जुल्फों से खेलने की गर मुझे इजाजत दे दे

***

 

हर खुशी माना है ,सनम तेरी जुल्फों के साये में है …

वो मज़ा मगर है कहाँ ,जो दिल के लुट जाने में है .

***

तेरी जुल्फों की ज़ंजीर मिल जाती तो अच्छा था

तेरे लबों की वो लकीर मिल जाती तो अच्छा था

*** Zulf Shayari in Hindi

सोयेंगे तेरी आँख की खिलवत में किसी रात

साये में तेरी जुल्फों के जागेंगे किसी दिन…।

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तेरी जुल्फों से नज़र मुझसे हटाई न गई,

नम आँखों से पलक मुझसे गिराई न गई |

***

तेरी जुल्फों के बिखरने का सबब है कोई,

आँख कहती है तेरे दिल में तलब है कोई!!

***

जब भी मुँह ढँक लेता हूँ तेरी जुल्फों की छाँव में

जाने कितने गीत उतर आते हैं मेरे मन के गाँव में

*** Zulf Shayari in Hindi

मेरी उंगलियाँ फिर तेरी जुल्फों से गुज़र जायें,

जब तू पलकें झुकाकर फिर मेरी ज़िन्दगी में चली आये

***

बडे गुस्ताख हैं, झुक कर तेरा चेहरा चूम लेते हैं….

तुमने भी जानम, जालिम ज़ुल्फ़ों को सर चढा रखा है।

***

फिर न सिमटेगी मोहब्बत जो बिखर जायेगी,

ज़िंदगी ज़ुल्फ़ नहीं जो फिर संवर जायेगी,

***

हर “खुश अदा” की “ज़ुल्फ़” में “अटका” हुआ है ~

“दिल” हर “महजबीं” के “हुस्न” पे “कुर्बान” “आँख” है

*** Zulf Shayari in Hindi

ज़ुल्फ़ बिखरा के निकले वो घर से देखो बादल कहाँ आज बरसे

फिर हुईं धड़कनें तेज़ दिल की फिर वो गुज़रे हैं शायद इधर से

***

तीरगी चांद के ज़ीने से सहर तक पहुँची

ज़ुल्फ़ कन्धे से जो सरकी तो कमर तक पहुँची

 

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या दिले दीवाना रुत जागी वस्ले यार की,

झुकी हुई ज़ुल्फ़ में छाई है घटा प्यार की.

*** Zulf Shayari in Hindi

जुरअत तो देखिएगा नसीम-ए-बहार की,

ये भी बलाएँ लेने लगी ज़ुल्फ़-ए-यार की !!

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ज़ुल्फ़ बरहम है दिल आशुफ़्ता सबा आवारा,

ख़्वाब-ए-हस्ती सा नहीं ख़्वाब परेशाँ कोई !

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सियाह ज़ुल्फ़ के सायों बड़ी उदास है रात

अभी तो ज़िक्र-ए-सहर दोस्तों है दूर की बात

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ये इत्र बे-ज़ियाँ नहीं नसीम-ए-नौ-बहार की

उड़ा के लाई है सबा शमीम ज़ुल्फ़-ए-यार की ~इक़बाल_सुहैल

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तेरी ज़ुल्फ़ क्या संवारी, मेरी किस्मत निखर गयी..

उलझने तमाम मेरी, दो लट में संवर गयी.

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ज़ुल्फ़ को खुशबू के बादल, रस भरे होंठों को जाम,

शाख-ए-गुल रख दूं मैं इन संदली बाँहों के नाम,

***

न झटको ज़ुल्फ़ से पानी, ये मोती फूट जाएगें …

तुम्हारा कुछ न बिगड़ेगा, मगर दिल टूट जाएगें ..

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गुलों की तरह हम ने ज़िंदगी को इस कदर जाना

किसी कि ज़ुल्फ़ में इक रात सोना और बिखर जाना ~बशीर बद्र

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छाँव पाता है मुसाफिर तो ठहर जाता है

ज़ुल्फ़ को ऐसे न बिखरा,हमे नींद आती है ~मुनव्वर राना

*** Zulf Shayari in Hindi

पुकारता चला हूँ में गली गली बहार की

बस इक छांव ज़ुल्फ़ की बस इक निगाह प्यार की

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ज़ुल्फ़ घटा बन कर रह जाए आँख कँवल हो जाए शायद

उन को पल भर सोचे और ग़ज़ल हो जाए ~क़ैसर_उल_जाफ़री

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किसी ज़ुल्फ़ के साये में हमें नींद आती थी

अब मयस्सर किसी दीवार का साया भी नहीं

 

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Zulf Shayari in English font with shayari pictures

ज़ुल्फों पर हिंदी शायरी

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khana-zad-e-zulf hain, janzir se bhagenge kyonhain giraftare-vafa, jindan se ghabaravenge kya.~mirza galib**

*kaidi teri Zulfon ka hai ajad jahan se.mujhako rihai to sajao ne dilai.***

lipat ke teri Zulfon mein badalon mein kho janafir se teri ankhon mein doob ke par ho jana***

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**Zulfon mein teri pench o kham jitane….meri majabooriyan mere mushkilat bas itane**

*teri Zulfon ki chhanv ke bhi tajurbe ajab rahe,jab-jab kiya saya, jhulasata hi raha hoon…*

** zulf shayari in hindi”tere rookhasar par bikhari Zulfon ki ghata…main kya kahoon ai chand, hay! teri har ada!!”*

**ye rat ki tanhai aur zikr teri Zulfon ka ..kya khoob jaise rat bhi qaid thi teri Zulfon ke tale*

**ham ne jo ki thi mohabbat aj bhi he teri Zulfon ki say ki chahat aj bhi herat katti he aj bhi khayalon me tere divanon si vo meri halat aj bhi he***

qaid mangi thi, rihai to nahin mangi thiteri Zulfon se judai to nahin mangi thi**

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*jis hath se mainne teri Zulfon ko chhua tha…chhup chhup ke usi hath ko main choom raha hoon… mushir jhinjhanavi**

* zulf shayari in hindidhoondhati hain teri mahaki hui Zulfon ki bahar ,chandani rat ke zine se utar kar yaden**

*koi hava ka jhonka jab teri Zulfon ko bikharata hai..kasam khuda ki… too bada hi katil najar ata hai…ii*

**teri Zulfon ki tarah bikhar jane ko ji karata hain,ab mujhe pyar me had se jyada gujar jane ko ji karata hai***

zulf shayari in hindiijajat ho to main tasdik kar loon teri Zulfon se,suna hai jindagi ik khoobasoorat dam hai saki. -adam*

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teri agosh mein ake, main duniya bhool jata hoon.teri Zulfon ke saye mein, sukoon ki nind pata hoon..**

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*har khushi mana hai ,sanam teri Zulfon ke saye mein hai …vo maza magar hai kahan ,jo dil ke lut jane mein hai .**

*teri Zulfon ki zanjir mil jati to achchha thatere labon ki vo lakir mil jati to achchha tha**

* zulf shayari in hindisoyenge teri ankh ki khilavat mein kisi ratasaye mein teri Zulfon ke jagenge kisi din….**

*teri Zulfon se nazar mujhase hatai na gai,nam ankhon se palak mujhase girai na gai |
teri Zulfon ke bikharane ka sabab hai koi,ankh kahati hai tere dil mein talab hai koi!!*

**jab bhi munh dhank leta hoon teri Zulfon ki chhanv menjane kitane git utar ate hain mere man ke ganv mein**

* zulf shayari in hindimeri ungaliyan fir teri Zulfon se guzar jayen,jab too palaken jhukakar fir meri zindagi mein chali aye**

*bade gustakh hain, jhuk kar tera chehara choom lete hain….tumane bhi janam, jalim zulfon ko sar chadha rakha hai.***

fir na simategi mohabbat jo bikhar jayegi,zindagi zulf nahin jo fir sanvar jayegi,

***har “khush ada” ki “zulf” mein “ataka” hua hai ~”dil” har “mahajabin” ke “husn” pe “kurban” “ankh” hai*

** zulf shayari in hindizulf bikhara ke nikale vo ghar se dekho badal kahan aj barasefir huin dhadakanen tez dil ki fir vo guzare hain shayad idhar se**

*tiragi chand ke zine se sahar tak pahunchizulf kandhe se jo saraki to kamar tak pahunchi**

*ya dile divana rut jagi vasle yar ki,jhuki hui zulf mein chhai hai ghata pyar ki.**

* zulf shayari in hindijurat to dekhiega nasim-e-bahar ki,ye bhi balaen lene lagi zulf-e-yar ki !!*

**zulf baraham hai dil ashufta saba avara,khvab-e-hasti sa nahin khvab pareshan koi !*

**siyah zulf ke sayon badi udas hai ratabhi to zikr-e-sahar doston hai door ki bat*

**ye itr be-ziyan nahin nasim-e-nau-bahar kiuda ke lai hai saba shamim zulf-e-yar ki ~iqabal_suhail*

**teri zulf kya sanvari, meri kismat nikhar gayi..ulajhane tamam meri, do lat mein sanvar gayi.***

zulf ko khushaboo ke badal, ras bhare honthon ko jam,shakh-e-gul rakh doon main in sandali banhon ke nam,***

na jhatako zulf se pani, ye moti foot jaegen …tumhara kuchh na bigadega, magar dil toot jaegen ..***

gulon ki tarah ham ne zindagi ko is kadar janakisi ki zulf mein ik rat sona aur bikhar jana ~bashir badr**

*chhanv pata hai musafir to thahar jata haizulf ko aise na bikhara,hame nind ati hai ~munavvar rana*

** zulf shayari in hindipukarata chala hoon mein gali gali bahar kibas ik chhanv zulf ki bas ik nigah pyar ki**

*zulf ghata ban kar rah jae ankh kanval ho jae shayadun ko pal bhar soche aur gazal ho jae ~qaisar_ul_jafari**

*kisi zulf ke saye mein hamen nind ati thiab mayassar kisi divar ka saya bhi

 

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