Ghalib shayari on love

मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी लव पर

Ghalib shayari on love मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब ने इश्क, मोहब्बत पर कई खूबसूरत शेर कहे हैं जो आज भी लोकप्रिय हैं, इस पोस्ट में हम आपके लिए ghalib shayari on love प्रस्तुत कर रहे हैं, लव इश्क पर ग़ालिब के यह शेर अगर आपको पसंद आये तो इसे आप ज़रूर शेयर करें. इसी पेज पर आप ghalib shayari on love image भी download कर सकते हैं.

Ghalib shayari on love, Ishk and Mohabbat

 

रोने से और इश्क़ में बे-बाक हो गए

धोए गए हम इतने कि बस पाक हो गए

~मिर्ज़ा ग़ालिब ghalib shayari on love

 

हम भी दुश्मन तो नहीं हैं अपने,

ग़ैर को तुझ से मोहब्बत ही सही !!

 

इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’

कि लगाए न लगे और बुझाए न बने

Ghalib Love Status Pictures – Ghalib Love dp Pictures – Ghalib Love Shayari Pictures

अगर आप इन खुबसूरत टेक्स्ट मेसेजेस को pictures के रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें.

Ghalib Love Status Pictures – Ghalib Love dp Pictures – Ghalib Love Shayari Pictures

इश्क़ से तबीअत ने ज़ीस्त का मज़ा पाया

दर्द की दवा पाई दर्द-ए-बे-दवा पाया

 

अर्ज़-ए-नियाज़-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा

जिस दिल पे नाज़ था मुझे वो दिल नहीं रहा

 

ए’तिबार-ए-इश्क़ की ख़ाना-ख़राबी देखना

ग़ैर ने की आह लेकिन वो ख़फ़ा मुझपर हुआ

 

ghalib shayari on mohabbat

इश्क़ ने ‘ग़ालिब’ निकम्मा कर दिया

वर्ना हम भी आदमी थे काम के

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का

उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले

इनकार की सी लज़्ज़त इक़रार में कहाँ,

होता है इश्क़ ग़ालिब उनकी नहीं नहीं से !!

 

हम भी दुश्मन तो नहीं हैं अपने

ग़ैर को तुझ से मोहब्बत ही सही

 

हुए है पाँव ही पहले नबर्द ए इश्क में जखमी

न भागा जाए है मुझसे,न ठहरा जाए है मुझसे..!

 

आए है बे-कसी-ए-इश्क़ पे रोना ‘ग़ालिब’

किस के घर जाएगा सैलाब-ए-बला मेरे बाद ‏

 

ग़ालिब के सभी प्रमुख शेर पढने के लिए यह पेज देखें – ग़ालिब शायरी Ghalib Shayari Mirza Ghalib Shayari 125 best sher

Ghalib shayari on love image

यहाँ हम आपके लिए ghalib shayari on love को इमेज के फॉर्मेट में दे रहे हैं ताकि आप इसे आसानी से डाउनलोड और शेयर कर सकें .

Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
Ghalib Shayari on love
ghalib shayari on love
ghalib shayari on love

 

Search Tags

ghalib shayari on love, ghalib shayari on love image, mirza ghalib shayari image, mirza ghalib images, ghalib shayari images, ghalib ki shayari image,

ghalib shayari on love hindi me

 

ग़ालिब शायरी – मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी 125 बेस्ट शेर

Ghalib Shayari : – महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब को कौन नहीं जानता, अपने इंतकाल के 150 वर्ष बाद, आज भी ग़ालिब भारत के सबसे प्रसिद्ध शायर हैं, ग़ालिब शायरी आज भी बच्चे बच्चे की जुबान पर है, वेसे तो मिर्ज़ा ग़ालिब आखिरी मुग़ल सुल्तान बहादुर शाह ज़फर के दरबारी शायर थे पर ग़ालिब और ग़ालिब के शेर उनके जीवन कल में और आज तक आम जनता में खूब शौक से पढ़े जाते हैं. ग़ालिब की शायरी हिंदी, उर्दू और फारसी ज़बान में है, शुरू में मिर्ज़ा ग़ालिब के शेर बहुत मुश्किल हुआ करते थे और वह विद्वानों के भी समझ में नहीं आते थे पर बाद में मिर्ज़ा ग़ालिब ने आम फहम ज़बान में शायरी की और बहुत लोकप्रिय शायर हो गए, ग़ालिब की शायरी में प्यार, दर्द, जुदाई, गम, इश्क, मय शराब, खुदी, खुदा, रूह सबका बेहतरीन ज़िक्र मिलता है.

आपके लिए हम यहाँ मिर्ज़ा ग़ालिब के कुछ प्रसिद्ध और सबसे बेहतरीन शेर पेश कर रहे हैं.. उम्मीद है की आपको यह Ghalib shayari on love पसंद आएगी. यहाँ हमें 125 से भी ज्यादा मिर्ज़ा ग़ालिब के शेर पेश कर रहे हैं ताकि आप आसानी से पढ़ सके.. Ghalib Poetry का यह पेज आप अपने दोस्तों को ज़रूर शेयर करें, दूसरी वेब्सईट्स पर mirza ghalib shayari in hindi 2 lines हिंदी फॉण्ट में नहीं दी गयी है .इसीलिए हमने यहाँ मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी hindi font में प्रस्तुत की है.

 

मिर्ज़ा ग़ालिब की जीवनी आप यहाँ पढ़ सकते हैं

All Topics of Hindi Shayari

Mirza Ghalib Shayari

****

‘ग़ालिब’ बुरा न मान जो वाइ’ज़ बुरा कहे
ऐसा भी कोई है कि सब अच्छा कहें जिसे …

रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल,
जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है !!

जो कुछ है महव-ए-शोख़ी-ए-अबरू-ए-यार है,
आँखों को रख के ताक़ पे देखा करे कोई !!

फ़िक्र-ए-दुनिया में सर खपाता हूँ
मैं कहाँ और ये वबाल कहाँ !!

इन आबलों से पाँव के घबरा गया था मैं,
जी ख़ुश हुआ है राह को पुर-ख़ार देख कर !!

‏मुहब्बत में उनकी अना का पास रखते हैं,
हम जानकर अक्सर उन्हें नाराज़ रखते हैं !!

चाहें ख़ाक में मिला भी दे किसी याद सा भुला भी दे,
महकेंगे हसरतों के नक़्श* हो हो कर पाएमाल^ भी !!

अर्ज़-ए-नियाज़-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा
जिस दिल पे नाज़ था मुझे वो दिल नहीं रहा

जी ढूँडता है फिर वही फ़ुर्सत कि रात दिन,
बैठे रहें तसव्वुर-ए-जानाँ किए हुए !!
_
फिर देखिए अंदाज़-ए-गुल-अफ़्शानी-ए-गुफ़्तार,
रख दे कोई पैमाना-ए-सहबा मिरे आगे !!

क़ासिद के आते आते ख़त इक और लिख रखूँ,
मैं जानता हूँ जो वो लिखेंगे जवाब में !!
__
है एक तीर जिस में दोनों छिदे पड़े हैं
वो दिन गए कि अपना दिल से जिगर जुदा था

Ghalib Status Pictures – Ghalib dp Pictures – Ghalib Shayari Pictures

अगर आप इन खुबसूरत टेक्स्ट मेसेजेस को pictures के रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें.

Ghalib Status Pictures – Ghalib dp Pictures – Ghalib Shayari Pictures


_
नसीहत के कुतुब-ख़ाने* यूँ तो दुनिया में भरे हैं,
ठोकरें खा के ही अक्सर बंदे को अक़्ल आई है !!

ये फ़ित्ना आदमी की ख़ाना-वीरानी को क्या कम है
हुए तुम दोस्त जिस के दुश्मन उस का आसमाँ क्यूँ हो

कोई मेरे दिल से पूछे तिरे तीर-ए-नीम-कश को
ये ख़लिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता

ता फिर न इंतिज़ार में नींद आए उम्र भर,
आने का अहद कर गए आए जो ख़्वाब में !! –

क़ैद-ए-हयात ओ बंद-ए-ग़म अस्ल में दोनों एक हैं
मौत से पहले आदमी ग़म से नजात पाए क्यूँ

हम महव-ए-चश्म-ए-रंगीं-ए-जवाब* हुए हैं जबसे,
शौक़-ए-दीदार हुआ जाता है हर सवाल का रंग !!

जिस ज़ख़्म की हो सकती हो तदबीर रफ़ू की,
लिख दीजियो या रब उसे क़िस्मत में अदू की !!

हर रंज में ख़ुशी की थी उम्मीद बरक़रार,
तुम मुस्कुरा दिए मेरे ज़माने बन गये !!

Ghalib Poetry in Hindi ग़ालिब की शायरी हिंदी में

न सुनो गर बुरा कहे कोई,
न कहो गर बुरा करे कोई !!
रोक लो गर ग़लत चले कोई,
बख़्श दो गर ख़ता करे कोई !!

तेरे वादे पर जिये हम
तो यह जान,झूठ जाना
कि ख़ुशी से मर न जाते
अगर एतबार होता ..
गा़लिब

तुम अपने शिकवे की बातें
न खोद खोद के पूछो
हज़र करो मिरे दिल से
कि उस में आग दबी है..
गा़लिब

इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं
गा़लिब

अपनी गली में मुझ को
न कर दफ़्न बाद-ए-क़त्ल
मेरे पते से ख़ल्क़ को
क्यूँ तेरा घर मिले
गा़लिब

आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक
कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक

कुछ लम्हे हमने ख़र्च किए थे मिले नही,
सारा हिसाब जोड़ के सिरहाने रख लिया !!

भीगी हुई सी रात में जब याद जल उठी,
बादल सा इक निचोड़ के सिरहाने रख लिया !!

अब अगले मौसमों में यही काम आएगा,
कुछ रोज़ दर्द ओढ़ के सिरहाने रख लिया !!

वो रास्ते जिन पे कोई सिलवट ना पड़ सकी,
उन रास्तों को मोड़ के सिरहाने रख लिया !!

अफ़साना आधा छोड़ के सिरहाने रख लिया,
ख़्वाहिश का वर्क़ मोड़ के सिरहाने रख लिया !!

तमीज़-ए-ज़िश्ती-ओ-नेकी में लाख बातें हैं,
ब-अक्स-ए-आइना यक-फ़र्द-ए-सादा रखते हैं !!

ज़रा कर ज़ोर सीने में कि तीरे-पुर-सितम निकले,
जो वो निकले तो दिल निकले, जो दिल निकले तो दम निकले !!

रंज से ख़ूगर हुआ इंसाँ तो मिट जाता है रंज,
मुश्किलें मुझ पर पड़ीं इतनी कि आसाँ हो गईं !!

हम हैं मुश्ताक़ और वो बे-ज़ार
या इलाही ये माजरा क्या है !!
जान तुम पर निसार करता हूँ,
मैं नहीं जानता दुआ क्या है !!


पड़िए गर बीमार तो कोई न हो तीमारदार
और अगर मर जाइए तो नौहा-ख़्वाँ कोई न हो

हसद से दिल अगर अफ़्सुर्दा है गर्म-ए-तमाशा हो
कि चश्म-ए-तंग शायद कसरत-ए-नज़्ज़ारा से वा हो

हम तो जाने कब से हैं आवारा-ए-ज़ुल्मत मगर,
तुम ठहर जाओ तो पल भर में गुज़र जाएगी रात !!
_
है उफ़ुक़ से एक संग-ए-आफ़्ताब आने की देर,
टूट कर मानिंद-ए-आईना बिखर जाएगी रात !!/
_
दैर नहीं हरम नहीं दर नहीं आस्ताँ नहीं
बैठे हैं रहगुज़र पे हम ग़ैर हमें उठाए क्यूँ

हम हैं मुश्ताक़ और वो बे-ज़ार
या इलाही ये माजरा क्या है

Ghalib Sher

mirza-ghalib-shayari
mirza-ghalib-shayari

दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है

हो उसका ज़िक्र तो बारिश सी दिल में होती है
वो याद आये तो आती है दफ’तन ख़ुशबू

इक शौक़ बड़ाई का अगर हद से गुज़र जाए
फिर ‘मैं’ के सिवा कुछ भी दिखाई नहीं देता

इक क़ैद है आज़ादी-ए-अफ़्कार भी गोया,
इक दाम जो उड़ने से रिहाई नहीं देता

इक आह-ए-ख़ता गिर्या-ब-लब सुब्ह-ए-अज़ल से,
इक दर है जो तौबा को रसाई नहीं देता

इक क़ुर्ब जो क़ुर्बत को रसाई नहीं देता,
इक फ़ासला अहसास-ए-जुदाई नहीं देता
_

आज फिर पहली मुलाक़ात से आग़ाज़ करूँ,
आज फिर दूर से ही देख के आऊँ उस को !!
_

ज़िन्दग़ी में तो सभी प्यार किया करते हैं,
मैं तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूँगा !!

तू मिला है तो ये अहसास हुआ है मुझको,
ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिए थोड़ी है ….

खार भी ज़ीस्त-ए-गुलिस्ताँ हैं,
फूल ही हाँसिल-ए-बहार नहीं !!
_

वो जो काँटों का राज़दार नहीं,
फ़स्ल-ए-गुल का भी पास-दार नहीं !! /
_
मैं चमन में क्या गया गोया दबिस्ताँ खुल गया,
बुलबुलें सुन कर मिरे नाले ग़ज़ल-ख़्वाँ हो गईं !! –

हम जो सबका दिल रखते हैं
सुनो, हम भी एक दिल रखते हैं

शहरे वफा में धूप का साथी नहीं कोई
सूरज सरों पर आया तो साये भी घट गए

_ _
Ghalib Ke Sher ग़ालिब के शेर

उस पे आती है मोहब्बत ऐसे
झूठ पे जैसे यकीन आता है
_ _ _
खुद को मनवाने का मुझको भी हुनर आता है
मैं वह कतरा हूं समंदर मेरे घर आता है
_ _ _ _
फिर आबलों के ज़ख़्म चलो ताज़ा ही कर लें,
कोई रहने ना पाए बाब जुदा रूदाद-ए-सफ़र से !!
_
एजाज़ तेरे इश्क़ का ये नही तो और क्या है,
उड़ने का ख़्वाब देख लिया इक टूटे हुए पर से !!

साज़-ए-दिल को गुदगुदाया इश्क़ ने
मौत को ले कर जवानी आ गई
_ _ _

मैं तो इस सादगी-ए-हुस्न पे सदक़े,
न जफ़ा आती है जिसको न वफ़ा आती है !!

यादे-जानाँ भी अजब रूह-फ़ज़ा आती है,
साँस लेता हूँ तो जन्नत की हवा आती है !!
है और तो कोई सबब उसकी मुहब्बत का नहीं,
बात इतनी है के वो मुझसे जफ़ा करता है !!

हम भी दुश्मन तो नहीं हैं अपने
ग़ैर को तुझ से मोहब्बत ही सही

कुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होता,
तुम न होते न सही ज़िक्र तुम्हारा होता !!

गुज़र रहा हूँ यहाँ से भी गुज़र जाउँगा,
मैं वक़्त हूँ कहीं ठहरा तो मर जाउँगा !! –

गुज़रे हुए लम्हों को मैं इक बार तो जी लूँ,
कुछ ख्वाब तेरी याद दिलाने के लिए हैं !!

क़र्ज़ की पीते थे मय लेकिन समझते थे कि हाँ
रंग लावेगी हमारी फ़ाक़ा-मस्ती एक दिन

ईमाँ मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ़्र
काबा मिरे पीछे है कलीसा मिरे आगे

है आदमी बजा-ए-ख़ुद इक महशर-ए-ख़याल,
हम अंजुमन समझते हैं ख़ल्वत ही क्यूँ न हो
_
तिरे वादे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना,
कि ख़ुशी से मर न जाते अगर ए’तिबार होता !!

Ghalib Shayari on love

ghalib shayari
ghalib shayari in hindi

बे-नियाज़ी हद से गुज़री बंदा-परवर कब तलक
हम कहेंगे हाल-ए-दिल और आप फ़रमावेंगे क्या

तुम सलामत रहो हज़ार बरस,
हर बरस के हों दिन पचास हज़ार !!

मौत फिर जीस्त न बन जाये यह डर है’गालिब’,
वह मेरी कब्र पर अंगुश्त-बदंदाँ होंगे !!

मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तिरे पीछे,
तू देख कि क्या रंग है तेरा मिरे आगे !!

तुम न आओगे तो मरने की हैं सौ तदबीरें,
मौत कुछ तुम तो नहीं हो कि बुला भी न सकूँ !!

कुछ खटकता था मिरे सीने में लेकिन आख़िर,
जिस को दिल कहते थे सो तीर का पैकाँ निकला !!-

अच्छा है सर-अंगुश्त-ए-हिनाई का तसव्वुर,
दिल में नज़र आती तो है इक बूँद लहू की !!

shayari of ghalib on ishq

की मेरे क़त्ल के बाद उस ने जफ़ा से तौबा,
हाए उस ज़ूद-पशीमाँ का पशीमाँ होना !! –

आता है मेरे क़त्ल को पर जोश-ए-रश्क से
मरता हूँ उस के हाथ में तलवार देख कर

करने गये थे उनसे तगाफुल का हम गिला,
की एक ही निगाह कि हम खाक हो गये !! –

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता,
अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता !! –

ता करे न ग़म्माज़ी कर लिया है दुश्मन को
दोस्त की शिकायत में हम ने हम-ज़बाँ अपना

‘ग़ालिब’ नदीम-ए-दोस्त से आती है बू-ए-दोस्त
मश्ग़ूल-ए-हक़ हूँ बंदगी-ए-बू-तराब में

बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे
होता है तमाशा शब् ओ रोज़ मेरे आगे

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक

हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे
कहते हैं कि ‘ग़ालिब’ का है अंदाज़-ए-बयाँ और

दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ
मैं न अच्छा हुआ बुरा न हुआ

फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया
दिल जिगर तश्ना ए फरियाद आया
दम लिया था ना कयामत ने हनोज़
फिर तेरा वक्ते सफ़र याद आया

जान दी दी हुई उसी की थी
हक़ तो ये है कि हक़ अदा न हुआ

छोड़ूँगा मैं न उस बुत-ए-काफ़िर का पूजना
छोड़े न ख़ल्क़ गो मुझे काफ़र कहे बग़ैर

क्या वो नमरूद की ख़ुदाई थी
जो बंदगी में मिरा भला न हुआ

मुज़्दा ऐ ज़ौक़-ए-असीरी कि नज़र आता है
दाम-ए-ख़ाली क़फ़स-ए-मुर्ग़-ए-गिरफ़्तार के पास

इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना
दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना
ग़ालिब

mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

‘ग़ालिब’ वज़ीफ़ा-ख़्वार हो दो शाह को दुआ
वो दिन गए कि कहते थे नौकर नहीं हूँ मैं
ग़ालिब

ग़म-ए-हस्ती का ‘असद’ किस से हो जुज़ मर्ग इलाज
शम्अ हर रंग में जलती है सहर होते तक
ग़ालिब

जाँ दर-हवा-ए-यक-निगाह-ए-गर्म है ‘असद’
परवाना है वकील तिरे दाद-ख़्वाह का
ग़ालिब

मैं बुलाता तो हूँ उस को मगर ऐ जज़्बा-ए-दिल
उस पे बन जाए कुछ ऐसी कि बिन आए न बने

ख़ार ख़ार-ए-अलम-ए-हसरत-ए-दीदार तो है
शौक़ गुल-चीन-ए-गुलिस्तान-ए-तसल्ली न सही
ग़ालिब

न हुई गर मिरे मरने से तसल्ली न सही
इम्तिहाँ और भी बाक़ी हो तो ये भी न सही

इब्न-ए-मरयम हुआ करे कोई
मेरे दुख की दवा करे कोई
ग़ालिब

ओहदे से मद्ह-ए-नाज़ के बाहर न आ सका
गर इक अदा हो तो उसे अपनी क़ज़ा कहूँ
ग़ालिब

Mirza galib ki shayari

इश्क़ मुझ को नहीं वहशत ही सही
मेरी वहशत तिरी शोहरत ही सही
ग़ालिब

दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है
ग़ालिब

न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता
डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता
ग़ालिब

नुक्ता-चीं है ग़म-ए-दिल उस को सुनाए न बने
क्या बने बात जहाँ बात बताए न बने

आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक
कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक
ग़ालिब

आशिक़ी सब्र तलब और तमन्ना बेताब
दिल का क्या रँग करूँ खून-ए-जिगर होने तक
Famous Ghalib Shayari

हो चुकीं ‘ग़ालिब’ बलाएँ सब तमाम
एक मर्ग-ए-ना-गहानी और है
ग़ालिब

इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने
ग़ालिब

इनकार की सी लज़्ज़त इक़रार में कहाँ,
होता है इश्क़ ग़ालिब उनकी नहीं नहीं से !!

कहूँ किस से मैं कि क्या है शब-ए-ग़म बुरी बला है
मुझे क्या बुरा था मरना अगर एक बार होता
ग़ालिब

देखो तो दिल फ़रेबि-ए-अंदाज़-ए-नक़्श-ए-पा,
मौज-ए-ख़िराम-ए-यार भी क्या गुल कतर गई !! –

देखिए लाती है उस शोख़ की नख़वत क्या रंग
उस की हर बात पे हम नाम-ए-ख़ुदा कहते हैं
-ग़ालिब

best Ghalib Shayari

तू ने कसम मय-कशी की खाई है ‘ग़ालिब’
तेरी कसम का कुछ एतिबार नही है..!
-मिर्ज़ा ग़ालिब

मोहब्बत में नही फर्क जीने और मरने का
उसी को देखकर जीते है जिस ‘काफ़िर’ पे दम निकले..!
-मिर्ज़ा ग़ालिब

मगर लिखवाए कोई उस को खत
तो हम से लिखवाए
हुई सुब्ह और
घरसे कान पर रख कर कलम निकले..
-मिर्ज़ा ग़ालिब

मरते है आरज़ू में मरने की
मौत आती है पर नही आती,
काबा किस मुँह से जाओगे ‘ग़ालिब’
शर्म तुमको मगर नही आती ।
-मिर्ज़ा ग़ालिब
_

कहाँ मयखाने का दरवाज़ा ‘ग़ालिब’ और कहाँ वाइज
पर इतना जानते है कल वो जाता था के हम निकले..
-मिर्जा ग़ालिब

बना कर फकीरों का हम भेस ग़ालिब
तमाशा-ए-अहल-ए-करम देखते है..

तेरे वादे पर जिये हम, तो यह जान झूठ जाना,
कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर एतबार होता ।

ग़ालिब ने यह कह कर तोड़ दी तस्बीह.
गिनकर क्यों नाम लू उसका जो बेहिसाब देता है।

हुई मुद्दत कि ‘ग़ालिब’मर गया पर याद आता है,
वो हर इक बात पर कहना कि यूँ होता तो क्या होता !

Search tags for Ghalib shayari

Ghalib Shayari, Mirza Ghalib Shayari, Ghalib Poetry in Hindi, Ghalib Shayari in Hindi, Ghalib Sher, Ghalib Ke Sher, Ghalib Shayari on love,
mirza ghalib shayari in hindi 2 lines, shayari of ghalib on ishq,
Mirza galib ki shayari, Famous Ghalib Shayari, best Ghalib Shayari, selected Ghalib Shayari,

Ghalib Shayari, Ghalib Hindi Shayari, Ghalib whatsapp status, Ghalib hindi Status, Hindi Shayari of Ghalib, Ghalib whatsapp status in hindi,
ग़ालिब हिंदी शायरी, हिंदी शायरी, ग़ालिब, ग़ालिब स्टेटस, ग़ालिब whatsapp स्टेटस, ग़ालिब पर शायरी, ग़ालिब शायरी, ग़ालिब पर शेर, ग़ालिब की शायरी,

Shayari Image शायरी इमेज 

दोस्तों इस पेज पर हम आपके लिए शायरी इमेज Shayari Image पेश कर रहे हैं, इन खूबसूरत Shayari Image को आप आसानी से अपने मोबाईल और कंप्यूटर में सेव कर सकते हैं, इन शायरी इमेज को डाउनलोड करने के लिए राईट क्लिक कर सेव इमेज का आप्शन चुने,  इन शायरी इमेज को आप किसी को भी फेसबुक और whatsapp के ज़रिये भेज सकते हैं .

इस शायरी इमेज पेज को हम लगातार अपडेट करते रहेंगे जिससे की आपको नए हिंदी शायरी इमेज मिल सके, अभी हमें LOVE SHAYARI IMAGE और  SAD SHAYARI IMAGE प्रस्तुत कर रहे हैं . 

सभी विषयों पर हिंदी शायरी की लिस्ट यहाँ है Hindi Shayari  . 

अगर आप को यह पेज पसंद आये तो इसे शेयर और बुकमार्क ज़रूर करें, तो चलिए शुरू करते हैं लव शायरी इमेज से 

LOVE SHAYARI IMAGE लव शायरी इमेज

Love Shayri Image :- अपने प्यार और अपनेपन का इज़हार करने के लिए आप शायरी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अगर यही लव शायरी एक खुबसूरत इमेज के साथ हो तो इसका असर बहुत बढ़ जाता है, पेश हे आपके लिए  LOVE SHAYARI IMAGE लव शायरी इमेज जिससे आप अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं .

Welcome Shayari Swagat Shayari

welcome shayari swagat shayari 2

Love letter shayari in hindi

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

shayari on gurur

SAD SHAYARI IMAGE सेड शायरी इमेज

Sad Shayari Image : कभी कभी ज़िन्दगी में गम भी आ जाता है, अपने दर्द और आंसुओं को व्यक्त करने के लिए अपने दिल का हाल अपनों तक पहुचाने के लिए आपको दर्द भरी शायरी यानि की सेड शायरी की ज़रूरत होती है, ऐसे ही दुःख भरे पलों में शेयर करने के लिए हम आपके लिए यहाँ सैड शायरी इमेज पेश कर रहे हैं, इन सैड शायरी इमेज और सैड शायरी पिक्स को आप आसानी से डाउनलोड कर अपनों को शेयर कर सकते हैं… इस पेज पर हम नयी सैड शायरी इमेज पोस्ट करते रहेंगे इसलिए आप इस पेज को बुकमार्क कर लें.

motivational shayari inspirational shayari

Aitbaar Shayari ऐतबार शायरी

Aitbaar Shayari ऐतबार शायरी

koshish shayari
koshish shayari
nafrat shayari hate shayari
nafrat shayari hate shayari
shayari on khamoshi
shayari on khamoshi
किताब शायरी किताबों पर शायरी
किताब शायरी किताबों पर शायरी
fareb shayari dhokha shayari
fareb shayari dhokha shayari

motivational shayari

humsafar shayari हमसफर शायरी
humsafar shayari
Safar Shayari सफर शायरी
Safar Shayari सफर शायरी
Dua shayari in hindi
Dua shayari

Love letter shayari in hindi

Welcome Shayari स्वागत शायरी

Welcome Shayari Swagat Shayari :- दोस्तों शायरी के इस खास पेज पर हम आपके लिए आज स्वागत शायरी, वेलकम शायरी पेश कर रहे हैं, आप अक्सर अपने घर पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को बुलाते होंगे…मेहमान नवाजी करते होंगे ….या आप अपने बर्थडे या और किसी मौके पर अपने दोस्तों को बुलाने के लिए निमंत्रण भेजते होंगे ऐसे ही मौके पर आप अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए इन स्वागत शायरी welcome शायरी का इस्तेमाल कर सकते हैं..आप इन्हें आमद शायरी, खुश आमदीद शायरी, आपके आने से शायरी, आप आये शायरी या मेहमान शायरी कुछ भी नाम दे सकते हैं.

अपने मेहमानों को बुलाने के लिए आप इन स्वागत शायरी और वेलकम शायरी सन्देश भेज सकते हैं.

ये दो लाइनों की स्वागत शायरी और वेलकम शायरी इंतनी खुबसूरत है की इसमें सभी भावनाओं का संगम हैं, आपके इस स्वागत सन्देश शायरी या वेलकम शायरी को पढ़कर ही आपके मेहमान खुश हो जायेंगे.

अगर आप को यह वेलकम शायरी अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करें …

 

सभी hindi शायरी की लिस्ट यहाँ हैं Hindi Shayari

*****

 

मतलब तिरी आमद से है दरमाँ से नहीं है

‘हसरत’ की क़सम दिल ही दुखाने के लिए आ

~HasratJaipuri

 

मुबारक शाम की आमद मुबारक

यह किसी की याद ले कर आ रही है

~ज़िया_ज़मीर

 

ये किस बहिश्त-शमाइल की आमद आमद है

कि ग़ैर-ए-जल्वा-ए-गुल रहगुज़र में ख़ाक नहीं

 

आमद है किसी की कि गया कोई इधर से,

क्यूँ सब तरफ़-ए-राहगुज़र देख रहे हैं !

 

आमद से पहले तेरी सजाते कहाँ से फूल,

मौसम बहार का तो तेरे साथ आया है !!

Welcome Status Pictures – Welcome dp Pictures – Welcome Shayari Pictures

अगर आप इन खुबसूरत टेक्स्ट मेसेजेस को pictures के रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें.

Welcome Status Pictures – Welcome dp Pictures – Welcome Shayari Pictures

उनकी वो आमद-आमद अपना यहाँ ये आलम,

इक रंग जा रहा है, इक रंग आ रहा है !!

 

आप आये तो ख़याल-ए-दिल-ए-नाशाद आया

कितने भूले हुए ज़ख्मों का पता याद आया

 

कभी दिल कभी धड़कन कभी नज़रें कभी लब

हर चीज मुस्कुराने लग जाती है आपके आने की खबर से…

 

इंतज़ार  है हमे  आपके  आने  का

वो नज़रे  मिला  के नज़रे  चुराने  का

मत  पूछ  ए_सनम  दिल का आलम क्या  है

इंतज़ार  है  बस तुझमे  ~सिमट  जाने  का

 

यू तो बंजर सा था मेरा आशियाँ

महफ़िल आपके आने से सजी

Welcome Shayari Swagat Shayari for Friends

दिल को था आपका बेसबरी से इंतजार!

पलके भी थी आपकी एक झलक को बेकरार!

आपके आने से आयी है कुछ ऐसी बहार!

कि दिल बस मांगे आपके लिये खुशियाँ बेशुमार!

 

हर वक्त आपके आने की आस रहती है

 हर पल आपसे मिलने की प्यास रहती है

 सब कुछ है। बस यहाँ आप नही

 इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है)

 

वफाओं में मेरी इतना असर आये

जिन्हें ढूंढती है नजरें

वह नजर आये

हम आ जायेंगे पलक झुकने से पहले

आपने याद किया ये खबर आये

 

हसरतों से आपकी राह सजा देंगे

कोई फूल नहीं आज मेरे दामन में

लेकिन आपके आने पर पलकें बिछा देंगे

 

 

दिलको है बेसबरी से इंतजार

निगाहे भी है

आपकी झलक को बेकरार

आपके आने‍से आयेगी ऐसी बहार

कि छायेगी सबके

दिलोमे खुशिया बेशुमार

 

हर कोशिश जारी मेरी तुम्हें मनाने की

रक्खी तैयारी लूट जाने की

अब देर है बस आपके आने की….

 

आपके आने से हुई है ये जिन्दगी रंगीन

पाकर आपका नूरानी दीदार

हर सुबह शाम हो गई है हसीन

 

आपके आने से जिदंगी खूबसूरत है,

हर कदम पर हमको आपकी जरूरत है

 

आपके आने की खुशी कैसे करूं मैं ब्यां,

बस इतना जान लो अब रोशन है मेरा सारा जहां

 

मस्त मस्त मयकदा है, मस्तियों की शाम है,

 आपके आने से हुई खुशियों की बरसात है ।।

 

आपके आने से आई जो खुशिया

कैसे उन्हे हम बताए

हम हर्शाए, हम इतराए

मिलकर सभी गुनगुनाए

Welcome Shayari Swagat Shayari for all

आपके आने की खबर से रात भर घर का दरवाजा खुला रखा,

यादो ने आपकी इतना बेचैन किया,

न नींद आयी, कभी तकिया इधर, कभी उधर रखा

 

मौत का आना तो तय है मौत आएगी मगर,

आपके आने से थोड़ी ज़िन्दगी बढ़ जाएगी !

 

आपके आने से जिंदगी खूबसूरत है,

दिल में बसाई है जो वह आपकी ही सूरत है,

Welcome Shayari Swagat Shayari
Welcome Shayari Swagat Shayari

क्या बतायें कि क्या होता है आपके आने से

बहार भी आ जाती है आपके आने से

फूल भी खिल जाते हैं आपकी आहट से

हर सुबह होती है आपके ही मुस्कुराने से

 

क्या मांगू खुदा से गुरुवर तुम्हे पाने के बाद,

किसका करू इंतजार जिंदगी में  आपके आने के बाद

 

हो कर खफा न प्यारमें,कांटे बिछाइये

पहलू में बैठ प्यार के,नगमे सुनाइये

हम मुन्तजिर हैं आपके आने के आजभी,इस साजेदिल को छेडिये,कुछ गुनगुनाइये

 

आपके आने से आज ये शाम खास हो गयी..

सारे दिन की बोरियत झक्क्कास हो गयी.

 

आपके आने का शुक्रिया ,

कुछ पल साथ बिताने का शुक्रिया….

सपने दिखाने का शुक्रिया,

और उनहे  तोड़ के चले जानेका भी शुक्रिया…

 

आपका आना, बहारों का आना !

आपका जाना, गुलशन का उजड़ जाना !

 

हमने कभी दोस्ती को जाना न होता,

अगर हमारी ज़िन्दगी में आपका आना न होता,

युही अकेले गुज़ार देते ज़िन्दगी को,

अगर आपको अपना दोस्त माना न होता…

 

इंतज़ार मेरी ?उम्र से लंबा हो शायद,

आपका आना  इस मर्ज़ की दवा हो शायद।

 

आपका आना…दिल धडकाना …

मेहंदी लगा यूँ शर्माना…

प्यार आ गया रे…

प्यार आ गया..

 

आपसे होती मुनव्वर,मेरी कायनात है

आप हों गर साथ तो, फिर रात भी कब रात है

आपका आना हमारे वास्ते सौगात है 

आज या तो ईद है,या फिर शबे-बारात है

 

दोस्तों के बिना यह शाम अधूरी है ,

इसलिए आपका आना जरूरी है |

Welcome Shayari 

हमसे मिलने का कभी तो तुम इरादा रखो

मुहब्बत से मुहब्बत का मिलन सादा रखो

चले आओ वक्त से वक़्त चुराकर ज़रा सा

तुम आओगे ज़रुर… हमसे ये वादा करो।

 

काश…. हो कुछ एेसा इत्तेफाक….!!

तुम रास्ता भूलो और मुझ तक चले आओ….!!

 

लोग देखेगे हमे ~मोहब्बत करते तो सौ बाते बना देंगे।

तुम  यू मेरे दिल मे चले आओ कि किसी को आहट भी ना हो।

 

चले आओ ना अब, कहाँ गुम हो,,

 

कितनी बार कहूँ ,मेरे दर्द की दवा तुम हो।

 

कब कहा मैंने कि मुझको…….चाँद लाकर दो..

तुम ख़ुद चले आओ तो…दीदार-ए-चाँद पूरा हो…

 

दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है

चले आओ जहाँ तक रौशनी मालूम होती है

~नुशूर वाहिदी –

 

संभाले नहीं संभलता है दिल,

मोहब्बत की तपिश से न जलाओ,

इश्क तलबगार है तुम्हारा चले आओ,

अब ज़माने के बहाने न बनाओ।

 

खामोशी ने मेरी पुकारा है तुम्हें…….!!

कोई हसीं शाम बनकर ही चले आओ….!!

 

लोग देखेंगे तो अफसाना बना डालेंगे|

यूँ मेरे दिल में चले आओ के आहट भी न हो।।

 

सावन के झूले पड़े,तुम चले आओ,

तुम चले आओ, तुम चले आओ…

 

बहुत आरजू है… इन आंखो को… तेरा ख्वाब देखने की,

कभी तो… इनका मान रखने… सपनो मे चले आओ…!

 

बहा ले जाती है तुम्हारी

याद मुझे कहाँ से कहाँ तक

कभी तुम भी चले आओ

मेरे ठिकाने तक….

welcome shayari swagat shayari 2
welcome shayari swagat shayari 2

वो मेहमाँ रहे भी तो कब तक हमारे

हुयी शम्मा गुल और डूबे सितारे,

‘क़मर’ इस क़दर उन को जल्दी थी घर की

वो घर चल दिये चाँदनी ढलते ढलते !! -क़मर जलालवी

 

मुद्दत हुई है यार को मेहमाँ किये हुए,

जोश-ए-क़दह से बज़्म-ए-चिराग़ां किये हुए !!

 

बहुत से लोग थे मेहमान मेरे घर लेकिन

वो जानता था कि है एहतिमाम किस के लिए

~परवीन_शाकिर

 

दिल में फिर वस्ल के अरमान चले आते हैं

मेरे रूठे हुए मेहमान चले आते हैं

~बेख़ुद देहलवी

 

हम बुलाते वो तशरीफ़ लाते रहे

ख़्वाब में ये करामात होती रही

 

कल रात दिखा के ख़्वाब-ए-तरब जो सेज को सूना छोड़ गया

हर सिलवट से फिर आज उसी मेहमान की ख़ुश्बू आती है ।

-कतील शिफ़ाई

 

लाख परायोंसे परिचित है

मेल-मोहब्बत का अभिनय है,

जिनके बिन जग सूना सूना

मन के वे मेहमान कहाँ हैं?

-शैलेंद्र

 

कब वो आएँगे इलाही मिरे मेहमाँ हो कर

कौन दिन कौन बरस कौन महीना होगा

 

मैं किस तरह उसे मेहमान-सा विदा करता

कि मेरे घर तो उसे बार-बार आना था…!

 

काफ़ी नहीं ख़ुतूत किसी बात के लिए

तशरीफ़ लाइएगा मुलाक़ात के लिए

 

इंतेज़ार है आपका आज भी

ज़रा दस्तक तो दीजिए

वजह हो या बेवजह

ज़रा हमारे dm में तशरीफ़ तो लाइये

 

जो कुछ हो सुनाना उसे बेशक़ सुनाइये

तकरीर ही करनी हो कहीं और जाइये

 

याँ महफ़िले-सुखन को सुखनवर की है तलाश

गर शौक आपको भी है तशरीफ़ लाइये।

Swagat Shayari

बहोत कर चुके तस्वीरों में दीदार

हो सके तो अब हुजूर रूबरू तशरीफ़ भी लाइये

 

शोख़ी के रंग शौक़ के अरमाँ लिए हुए,

बाद-ए-ख़िज़ाँ में मुंतज़िर*-ए-बहार गुलमोहर !!

 

साल, पर साल, और फिर इस साल

मुंतज़िर हम थे मुंतज़िर हम हैं

~शमीम अब्बास

 

कहाँ ख़्वाहिशों की ज़मीन पर झुकते हैं रोज़ आसमाँ,

मुंतज़िर* हैं ये हादसे भी गिरते सितारों की चाल के !

 

अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ

शाम आ गई है लौट के घर जाएँ हम तो क्या

 

दिल-ए-मुंतज़िर के आगे ख़िज़ाँ की बिसात क्या,

हसरत ही से गुलज़ार है वीराना किसी का !

 

सारे मौसम थे ख़फा अब सर पे है अब्र-ए-रवाँ*,

उठ निगाह-ए-मुंतज़िर ये है वक़्त इंतिक़ाम^ का !

 

निगाहें मुंतज़िर हैं किस की दिल को जुस्तुजू क्या है

मुझे ख़ुद भी नहीं मालूम मेरी आरज़ू क्या है

~अख़्तर सईद ख़ान

 

मुंतज़िर जिसके लिए हम हैं कई सदियों से

जाने किस दौर में वो शख़्स हमारा होगा

 

मुंतज़िर कौन है किस का ये उसे क्या मालूम

उस की मंज़िल है वही जो भी जहाँ रह जाए

~प्रेम कुमार नज़र

 

अल्लाह बोलते नहीं तो मुस्कुरा ही दो,

मैं कब से मुंतज़िर हूँ तुम्हारे ~जवाब का !! -अंदलीब शादानी

 

हवाएँ ज़ोर की चलती थीं हंगामा बला का था

मैं सन्नाटे का पैकर मुन्तज़िर तेरी सदा का था

 

बंद सीपियों में हूँ मुंतज़िर हूँ बारिश का

मैं तुम्हारी आँखों के पानियों में ज़िंदा हूँ 

 

Welcome Shayari Swagat Shayari Hinglish

 

 

 

******

 

Search Tags

Welcome Shayari, Welcome Hindi Shayari, Welcome Shayari, Welcome whatsapp status, Welcome hindi Status, Hindi Shayari on Welcome, Welcome whatsapp status in hindi, Welcome Shayari Urdu,

स्वागत हिंदी शायरी, हिंदी शायरी, स्वागत, स्वागत स्टेटस, स्वागत व्हाट्स अप स्टेटस, स्वागत पर शायरी, स्वागत शायरी, स्वागत पर शेर, स्वागत की शायरी,

खुश आमदीद हिंदी शायरी, हिंदी शायरी, खुश आमदीद , खुश आमदीद  स्टेटस, खुश आमदीद  व्हाट्स अप स्टेटस, खुश आमदीद  पर शायरी, खुश आमदीद  शायरी, खुश आमदीद  पर शेर, खुश आमदीद  की शायरी,

 

matalab tiri amad se hai daraman se nahin hai

hasarat ki qasam dil hi dukhane ke lie a

~hasratjaipuri

 

mubarak sham ki amad mubarak

yah kisi ki yad le kar a rahi hai

~ziya_zamir

 

ye kis bahisht-shamail ki amad amad hai

ki gair-e-jalva-e-gul rahaguzar mein khak nahin

 

amad hai kisi ki ki gaya koi idhar se,

kyoon sab taraf-e-rahaguzar dekh rahe hain !

 

amad se pahale teri sajate kahan se fool,

mausam bahar ka to tere sath aya hai !!

 

unaki vo amad-amad apana yahan ye alam,

ik rang ja raha hai, ik rang a raha hai !!

 

ap aye to khayal-e-dil-e-nashad aya

kitane bhoole hue zakhmon ka pata yad aya

 

kabhi dil kabhi dhadakan kabhi nazaren kabhi lab

har chij muskurane lag jati hai apake ane ki khabar se…

 

intazar  hai hame  apake  ane  ka

vo nazare  mila  ke nazare  churane  ka

mat  poochh  e_sanam  dil ka alam kya  hai

intazar  hai  bas tujhame  ~simat  jane  ka

 

yoo to banjar sa tha mera ashiyan

mahafil apake ane se saji

 

dil ko tha apaka besabari se intajar!

palake bhi thi apaki ek jhalak ko bekarar!

apake ane se ayi hai kuchh aisi bahar!

ki dil bas mange apake liye khushiyan beshumar!

 

har vakt apake ane ki as rahati hai

 har pal apase milane ki pyas rahati hai

 sab kuchh hai. bas yahan ap nahi

 isalie shayad ye jindagi udas rahati hai)

 

vafaon mein meri itana asar aye

jinhen dhoondhati hai najaren

vah najar aye

ham a jayenge palak jhukane se pahale

apane yad kiya ye khabar aye

 

hasaraton se apaki rah saja denge

koi fool nahin aj mere daman mein

lekin apake ane par palaken bichha denge

 

 

dilako hai besabari se intajar

nigahe bhi hai

apaki jhalak ko bekarar

apake anese ayegi aisi bahar

ki chhayegi sabake

dilome khushiya beshumar

 

har koshish jari meri tumhen manane ki

rakkhi taiyari loot jane ki

ab der hai bas apake ane ki….

 

apake ane se hui hai ye jindagi rangin

pakar apaka noorani didar

har subah sham ho gai hai hasin

 

apake ane se jidangi khoobasoorat hai,

har kadam par hamako apaki jaroorat hai

 

apake ane ki khushi kaise karoon main byan,

bas itana jan lo ab roshan hai mera sara jahan

 

mast mast mayakada hai, mastiyon ki sham hai,

 apake ane se hui khushiyon ki barasat hai ..

 

apake ane se ai jo khushiya

kaise unhe ham batae

ham harshae, ham itarae

milakar sabhi gunagunae

 

apake ane ki khabar se rat bhar ghar ka daravaja khula rakha,

yado ne apaki itana bechain kiya,

na nind ayi, kabhi takiya idhar, kabhi udhar rakha

 

maut ka ana to tay hai maut aegi magar,

apake ane se thodi zindagi badh jaegi !

 

apake ane se jindagi khoobasoorat hai,

dil mein basai hai jo vah apaki hi soorat hai,

 

kya batayen ki kya hota hai apake ane se

bahar bhi a jati hai apake ane se

fool bhi khil jate hain apaki ahat se

har subah hoti hai apake hi muskurane se

 

kya mangoo khuda se guruvar tumhe pane ke bad,

kisaka karoo intajar jindagi mein  apake ane ke bad

 

ho kar khafa na pyaramen,kante bichhaiye

pahaloo mein baith pyar ke,nagame sunaiye

ham muntajir hain apake ane ke ajabhi,is sajedil ko chhediye,kuchh gunagunaiye

 

apake ane se aj ye sham khas ho gayi..

sare din ki boriyat jhakkkas ho gayi.

 

apake ane ka shukriya ,

kuchh pal sath bitane ka shukriya….

sapane dikhane ka shukriya,

aur unahe  tod ke chale janeka bhi shukriya…

 

apaka ana, baharon ka ana !

apaka jana, gulashan ka ujad jana !

 

hamane kabhi dosti ko jana na hota,

agar hamari zindagi mein apaka ana na hota,

yuhi akele guzar dete zindagi ko,

agar apako apana dost mana na hota…

 

intazar meri ?umr se lamba ho shayad,

apaka ana  is marz ki dava ho shayad.

 

apaka ana…dil dhadakana …

mehandi laga yoon sharmana…

pyar a gaya re…

pyar a gaya..

 

apase hoti munavvar,meri kayanat hai

ap hon gar sath to, fir rat bhi kab rat hai

apaka ana hamare vaste saugat hai 

aj ya to id hai,ya fir shabe-barat hai

 

doston ke bina yah sham adhoori hai ,

isalie apaka ana jaroori hai |

 

hamase milane ka kabhi to tum irada rakho

muhabbat se muhabbat ka milan sada rakho

chale ao vakt se vaqt churakar zara sa

tum aoge zarur… hamase ye vada karo.

 

kash…. ho kuchh isa ittefak….!!

tum rasta bhoolo aur mujh tak chale ao….!!

 

log dekhege hame ~mohabbat karate to sau bate bana denge.

tum  yoo mere dil me chale ao ki kisi ko ahat bhi na ho.

 

chale ao na ab, kahan gum ho,,

 

kitani bar kahoon ,mere dard ki dava tum ho.

 

kab kaha mainne ki mujhako…….chand lakar do..

tum khud chale ao to…didar-e-chand poora ho…

 

diya khamosh hai lekin kisi ka dil to jalata hai

chale ao jahan tak raushani maloom hoti hai

~nushoor vahidi –

 

sambhale nahin sambhalata hai dil,

mohabbat ki tapish se na jalao,

ishk talabagar hai tumhara chale ao,

ab zamane ke bahane na banao.

 

khamoshi ne meri pukara hai tumhen…….!!

koi hasin sham banakar hi chale ao

 

log dekhenge to afasana bana dalenge|

yoon mere dil mein chale ao ke ahat bhi na ho..

 

savan ke jhoole pade,tum chale ao,

tum chale ao, tum chale ao…

 

bahut arajoo hai… in ankho ko… tera khvab dekhane ki,

kabhi to… inaka man rakhane… sapano me chale ao…!

 

baha le jati hai tumhari

yad mujhe kahan se kahan tak

kabhi tum bhi chale ao

mere thikane tak….

 

vo mehaman rahe bhi to kab tak hamare

huyi shamma gul aur doobe sitare,

‘qamar’ is qadar un ko jaldi thi ghar ki

vo ghar chal diye chandani dhalate dhalate !! -qamar jalalavi

 

muddat hui hai yar ko mehaman kiye hue,

josh-e-qadah se bazm-e-chiragan kiye hue !!

 

bahut se log the mehaman mere ghar lekin

vo janata tha ki hai ehatimam kis ke lie

~paravin_shakir

 

dil mein fir vasl ke araman chale ate hain

mere roothe hue mehaman chale ate hain

~bekhud dehalavi

 

ham bulate vo tasharif late rahe

khvab mein ye karamat hoti rahi

 

kal rat dikha ke khvab-e-tarab jo sej ko soona chhod gaya

har silavat se fir aj usi mehaman ki khushboo ati hai .

-katil shifai

 

lakh parayonse parichit hai

mel-mohabbat ka abhinay hai,

jinake bin jag soona soona

man ke ve mehaman kahan hain?

-shailendr

 

kab vo aenge ilahi mire mehaman ho kar

kaun din kaun baras kaun mahina hoga

 

main kis tarah use mehaman-sa vida karata

ki mere ghar to use bar-bar ana tha…!

 

kafi nahin khutoot kisi bat ke lie

tasharif laiega mulaqat ke lie

 

intezar hai apaka aj bhi

zara dastak to dijie

vajah ho ya bevajah

zara hamare dm mein tasharif to laiye

 

jo kuchh ho sunana use beshaq sunaiye

takarir hi karani ho kahin aur jaiye

 

yan mahafile-sukhan ko sukhanavar ki hai talash

gar shauk apako bhi hai tasharif laiye.

 

bahot kar chuke tasviron mein didar

ho sake to ab hujoor roobaroo tasharif bhi laiye

 

shokhi ke rang shauq ke araman lie hue,

bad-e-khizan mein muntazir*-e-bahar gulamohar !!

 

sal, par sal, aur fir is sal

muntazir ham the muntazir ham hain

~shamim abbas

 

kahan khvahishon ki zamin par jhukate hain roz asaman,

muntazir* hain ye hadase bhi girate sitaron ki chal ke !

 

ab kaun muntazir hai hamare lie vahan

sham a gai hai laut ke ghar jaen ham to kya

 

dil-e-muntazir ke age khizan ki bisat kya,

hasarat hi se gulazar hai virana kisi ka !

 

sare mausam the khafa ab sar pe hai abr-e-ravan*,

uth nigah-e-muntazir ye hai vaqt intiqam^ ka !

 

nigahen muntazir hain kis ki dil ko justujoo kya hai

mujhe khud bhi nahin maloom meri arazoo kya hai

~akhtar said khan

 

muntazir jisake lie ham hain kai sadiyon se

jane kis daur mein vo shakhs hamara hoga

 

muntazir kaun hai kis ka ye use kya maloom

us ki manzil hai vahi jo bhi jahan rah jae

~prem kumar nazar

 

allah bolate nahin to muskura hi do,

main kab se muntazir hoon tumhare ~javab ka !! -andalib shadani

 

havaen zor ki chalati thin hangama bala ka tha

main sannate ka paikar muntazir teri sada ka tha

 

band sipiyon mein hoon muntazir hoon barish ka

main tumhari ankhon ke paniyon mein zinda hoon

 

Aitbaar Shayari– ऐतबार शायरी 

Aitbaar Shayari :- Here you can get the best collection of Hindi Shayari on Aitbaar(Trust shayari), You can use it as your hindi whatsapp status or can send this Aitbaar Shayari to your facebook friends. These Hindi sher on Aitbaar is excellent in expressing your emotions and feeling of Aitbar the trust.

For other subject list of all Hindi Shayari is here Hindi Shayari .

ऐतबार शायरी

ऐतबार शायरी: – ऐतबार पर हिंदी शायरी का सबसे अच्छा संग्रह यहाँ उपलब्ध है, आप इस ऐतबार शायरी को अपने वाहट्सएप्प स्टेटस के रूप में उपयोग कर सकतें है या आप इस बेहतरीन ऐतबार शायरी को अपने दोस्तों को फेसबुक पर भी भेज सकतें हैं। ऐतबार पर हिंदी के यह शेर, आपकी भावनाओं  को व्यक्त करने में आपकी मदद कर सकतें हैं। ऐतबार पर शायरी का यहाँ सबसे अच्छा कलेक्शन है. अगर कोई आपसे ऐतबार करता है तो आप मशहूर शायरों के ऐतबार शायरी पर यह शेर उसे भेज सकते हैं या ऐतबार शायरी अपने स्टेटस में लिख सकते हैं.

सभी हिंदी शायरी की लिस्ट यहाँ हैं। Hindi Shayari

 

*****

मेरी ज़बान के मौसम बदलते रहते हैं

मैं आदमी हूँ मेरा  ऐतबार मत करना

~आसिम वास्ती

मोहब्बत इस लिए ज़ाहिर नहीं की

कि तुम को ऐतबार आए न आए

जो तुम्हारी तरह तुम से कोई झूटे वादे करता

तुम्हीं मुंसिफ़ से कह दो तुम्हें ऐतबार होता

~दाग़ देहलवी

मेरी तरफ़ से तो टूटा नहीं कोई रिश्ता

किसी ने तोड़ दिया ऐतबार टूट गया

~अख़्तर नज़्मी

तेरे वादे पर सितमगर अभी और सब्र करते

अगर अपनी ज़िंदगी का हमें ऐतबार होता

#दाग़_देहलवी

 

‏मुसाफ़िरों से मोहब्बत की बात कर लेकिन

मुसाफ़िरों की मोहब्बत का ऐतबार न कर

#उमर_अंसारी

अगर आप इन खुबसूरत टेक्स्ट मेसेजेस को pictures के रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें.

Aitbaar Status Pictures – Aitbaar dp Pictures – Aitbaar Shayari Pictures

ग़ज़ब किया तेरे वादे पे ऐतबार किया

तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया

~दाग़ देहलवी

मैं ज़बाँ से तुमको सच्चा,कहो लाख बार कह दूँ,

उसे क्या करूँ के दिल को, नहीं एतबार होता !!

वो झूट बोल रहा था बड़े सलीक़े से

मैं ऐतबार न करता तो और क्या करता

#वसीम_बरेलवी

धड़कता जाता है दिल मुस्कुराने वालों का

उठा नहीं है अभी ऐतबार नालों का !!-कलीम आजिज़

वादा किया था फिर भी न आये मज़ार पर,

हमने तो जान दी थी, इसी एतबार पर !!

‏Aitbaar Shayari in Hindi Font ऐतबार शायरी

बड़े वसूक़ से दुनिया फ़रेब देती है,

बड़े ख़ुलूस से हम ऐतबार करते हैं !!

यक़ीन चाँद पे, सूरज में ऐतबार भी रख

मगर निगाह में थोड़ा सा इंतज़ार भी रख

#NidaFazli

 

कोई बात ख़्वाब ओ ख़याल की जो करो तो वक़्त कटेगा अब

‘हमें मौसमों के मिज़ाज पर कोई ऐतबार कहाँ रहा’

#अदा_ज़ाफ़री

रिश्तों का एतबार वफ़ाओं का इंतिज़ार,

हम भी चराग़ ले के हवाओं में आए हैं !! – निदा फ़ाज़ली

‏बडा दोगला है ये शख्स भी, कोइ ऐतबार करे तो क्या,

ना तो झूठ बोले कभी कभी, ना कभी कहे वो खरा खरा..!

-गुलज़ार

 

आदतन तुमने कर दिए वादे

आदतन हमने ऐतबार किया

तेरी राहों में बारहा रुक कर

हमने अपना ही इंतजार किया

-गुलज़ार

गज़ब किया तेरे वादे पर ऐतबार किया/

तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया

 

Hinglish Font me Aitbaar Shayari – Trust Shayari

 

Aitbaar par hindi shayari ka sabase achchha sangrah yahan upalabdh hai, ap is Aitbaar hindi shayari ko apane Aitbaar wahatsapp satus ke roop mein upayog kar sakaten hai ya ap is Aitbaar shayari ko apane doston ko facebook par bhi bhej sakaten hain. Aitbaar par hindi ke yah sher, apaki bhavanaon  ko vyakt  karane mein apaki madad kar sakaten hain. Aitbaar par shayari ka yahan sabase achchha collection hai.

sabhi hindi shayari ki list yahan hain. Hindi Shayari

 

*****

meri zabaan ke mausam badalate rahate hain

main aadami hoon mera  aitabaar mat karana

~aasim vaasti

mohabbat is lie zaahir nahin ki

ki tum ko aitabaar aae na aae

jo tumhaari tarah tum se koi jhoote vaade karata

tumhin munsif se kah do tumhen aitabaar hota

~daag dehalavi

meri taraf se to toota nahin koi rishta

kisi ne tod diya aitabaar toot gaya

~akhtar nazmi

tere vaade par sitamagar abhi aur sabr karate

agar apani zindagi ka hamen aitabaar hota

#daag_dehalavi

 

‏musaafiron se mohabbat ki baat kar lekin

musaafiron ki mohabbat ka aitabaar na kar

#umar_ansaari

 

gazab kiya tere vaade pe aitabaar kiya

tamaam raat qayaamat ka intizaar kiya

~daag dehalavi

main zabaan se tumako sachcha,kaho laakh baar kah doon,

use kya karoon ke dil ko, nahin etabaar hota !!

 

‏vo jhoot bol raha tha bade saliqe se

main aitabaar na karata to aur kya karata

#vasim_barelavi

dhadakata jaata hai dil muskuraane vaalon ka

utha nahin hai abhi aitabaar naalon ka !!-kalim aajiz

vaada kiya tha phir bhi na aaye mazaar par,

hamane to jaan di thi, isi etabaar par !!

bade vasooq se duniya fareb deti hai,

bade khuloos se ham aitabaar karate hain !!

 

yaqin chaand pe, sooraj mein aitabaar bhi rakh

magar nigaah mein thoda sa intazaar bhi rakh

#nidafazli

 

koi baat khvaab o khayaal ki jo karo to vaqt katega ab

hamen mausamon ke mizaaj par koi aitabaar kahaan raha

#ada_zaafari

 

rishton ka etabaar vafaon ka intizaar,

ham bhi charaag le ke havaon mein aae hain !! – nida faazali

bada dogala hai ye shakhs bhi, koi aitabaar kare to kya,

na to jhooth bole kabhi kabhi, na kabhi kahe vo khara khara..!

-gulazaar

 

aadatan tumane kar die vaade

aadatan hamane aitabaar kiya

teri raahon mein baaraha ruk kar

hamane apana hi intajaar kiya

-gulazaar

gazab kiya tere vaade par aitabaar kiya/

tamaam raat qayaamat ka intizaar kiya

 

Search Tags

Aitbaar Shayari, Aitbaar Hindi Shayari, Aitbaar Shayari, Aitbaar whatsapp status, Aitbaar hindi Status, Hindi Shayari on Aitbaar, Aitbaar whatsapp status in hindi,

ऐतबार हिंदी शायरी, हिंदी शायरी, ऐतबार, ऐतबार स्टेटस, ऐतबार व्हाट्स अप स्टेटस, ऐतबार पर शायरी, ऐतबार शायरी, ऐतबार पर शेर, ऐतबार की शायरी,

Turst Aitbaar Shayari, Turst Aitbaar Hindi Shayari, Turst Aitbaar Shayari, Turst Aitbaar whatsapp status, Turst Aitbaar hindi Status, Hindi Shayari on Turst Aitbaar, Turst Aitbaar whatsapp status in hindi,

 

 

 

Bharosa Shayari– भरोसा शायरी – Hate Shayari

Bharosa shayari :- Here you can get the best collection of Hindi Shayari on Bharosa (Trust shayari), You can use it as your hindi whatsapp status or can send this Bharosa Shayari to your facebook friends. These Hindi sher on Bharosa is excellent in expressing your emotions and anger. For other subject list of all Hindi Shayari is here Hindi Shayari .

 

Bharosa shayari :- दोस्तों जीवन में भरोसा यानि यकीन बहुत ज़रूरी होता है, जीवन में कई लोग आप पर भरोसा करतें हैं और आप भी अपने साथियों पर भरोसा करते हैं …परसपर यह विश्वास और भरोसा ही हर रिश्ते को बनता है ……आइये जानते हैं के प्रख्यात शायरों ने भरोसा पर शायरी में क्या कहा है …..

भरोसा पर हिंदी शायरी का सबसे अच्छा संग्रह यहाँ उपलब्ध है, आप इस भरोसा शायरी को अपने वाहट्सएप्प स्टेटस के रूप में उपयोग कर सकतें है या आप इस बेहतरीन भरोसा शायरी को अपने दोस्तों को फेसबुक पर भी भेज सकतें हैं। भरोसा पर हिंदी के यह शेर, आपकी भावनाओं  को व्यक्त करने में आपकी मदद कर सकतें हैं। भरोसा पर शायरी का यहाँ सबसे अच्छा कलेक्शन है. अगर कोई आपसे भरोसा करता है तो आप मशहूर शायरों के भरोसा शायरी पर यह शेर उसे भेज सकते हैं या भरोसा शायरी अपने स्टेटस में लिख सकते हैं.

भरोसा = यकीन = ट्रस्ट 

सभी हिंदी शायरी की लिस्ट यहाँ हैं। Hindi Shayari

*****

वो मुझ को भूल चुका अब यक़ीन है वर्ना

वफ़ा नहीं तो जफ़ाओं का सिलसिला रखता

~इफ़्फ़त ज़र्रीं

 

वाए ख़ुश-फ़हमी कि पर्वाज़-ए-यक़ीं से भी गए

आसमाँ छूने की ख़्वाहिश में ज़मीं से भी गए

~ज़फ़र कलीम

 

यूँ मुलाक़ात का ये दौर बनाए रखिए

मौत कब साथ निभा जाए भरोसा क्या है

 

चाहिए ख़ुद पे यक़ीन-ए-कामिल

हौसला किस का बढ़ाता है कोई

~शकील बदायुनी

  

न कोई वादा न कोई यक़ीं न कोई उमीद

मगर हमें तो तेरा इंतिज़ार करना था

~फ़िराक़ गोरखपुरी

 

अगर आप इन खुबसूरत टेक्स्ट मेसेजेस को pictures के रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें.

Bharosa Status Pictures – Bharosa dp Pictures – Bharosa Shayari Pictures

 

दीवारें छोटी होती थीं लेकिन पर्दा होता था

ताले की ईजाद से पहले सिर्फ़ भरोसा होता था

जब तक माथा चूम के रुख़्सत करने वाली ज़िंदा थी

दरवाज़े के बाहर तक भी मुँह में लुक़्मा होता था

~अज़हर फ़राग़

 

अजब ये दौर आया है कि जिस में

ग़लत कुछ भी नहीं सब कुछ सही है

मुकम्मल ख़ुद को जो भी मानता है

यक़ीं माने बहुत उस में कमी है

~नीरज गोस्वामी

     

तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं

कमाल ये है कि, फिर भी तुम्हें यक़ीन नहीं

~दुष्यंत कुमार

 

उसे गुमाँ है कि मेरी उड़ान कुछ कम है

मुझे यक़ीं है कि ये आसमान कुछ कम है

~नफ़स अम्बालवी

 

यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है

हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है

~मंज़ूर_हाशमी

 

कोई भी नहीं जिस पे भरोसा कीजे

याँ लोग बदल जाते हैं मौसम की तरह

Bharosa shayari भरोसा शायरी 

उसी का शहर, वही मुद्दई, वही मुंसिफ़

हमें यक़ीं था हमारा क़ुसूर निकलेगा

~अमीर क़ज़लबाश

 

उम्र जितनी भी कटी उस के भरोसे पे कटी

और अब सोचता हूँ उस का भरोसा क्या था

~शहज़ाद अहमद

 

सवाल ही नहीं दुनिया से मेरे जाने का

मुझे यक़ीन है जब तक किसी के आने का

~अनवर शऊर

 

आदमी बुलबुला है पानी का

क्या भरोसा है ज़िंदगानी का

 

मेरी ज़बाँ से मेरी दास्ताँ सुनो तो सही

यक़ीं करो न करो मेहरबाँ सुनो तो सही

~सुदर्शन फ़ाकिर ~Goodmorning

 

यक़ीं न आए तो इक बात पूछ कर देखो

जो हँस रहा है, वो ज़ख़्मों से चूर निकलेगा

~अमीर क़ज़लबाश

  

मुझे छोड़ दे मेरे हाल पर

तेरा क्या भरोसा है चारागर,

ये तेरी नवाज़िश-ए-मुख़्तसर

मेरा दर्द और बढ़ा न दे,

~ShakeelBadayuni

 

 सो देख कर तिरे रुख़्सार ओ लब यक़ीं आया

कि फूल खिलते हैं गुलज़ार के अलावा भी

~Faraz

 

दिल को तेरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है

और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता

~अहमद फ़राज़

 

वो शख़्स बड़ा है तो ग़लत हो नहीं सकता

दुनिया को भरोसा ये अभी तो नहीं होगा

~आलोक_श्रीवास्तव

इरादे छूटने वाले ना अरमाँ टूटने वाले

मुझे तुझ पर यक़ीं हैं ऐ मेरा दिल लूटने वाले

तुझे मेरी मुहब्बत का न अब तक ऐतबार आया

न कोई वादा न कोई यक़ीं न कोई उम्मीद

मगर हमें तो तिरा इंतिज़ार करना था

~Firaq

 

हसीनो पर यक़ीं करना सरासर बेवकूफ़ी है,

अदा इन की है क़ाफ़िर तो फरेबी चाल है प्यारे !!

 

यक़ीन उसी के वादे पे लाना पड़ेगा

ये धोखा तो दानिस्ता खाना पड़ेगा

~मुनीर_भोपाली

 

ग़ुलामी में न काम आती हैं शमशीरें न तदबीरें,

जो हो ज़ौक़-ए-यक़ीं पैदा तो कट जाती हैं ज़ंजीरें !! -अल्लामा इक़बाल

इस हादसे को सुन के करेगा यक़ीं कोई

सूरज को एक झोंका हवा का बुझा गया

 

आदमी बुलबुला है पानी का

क्या भरोसा है ज़िंदगानी का

~रज़ा

Bharosa shayari भरोसा शायरी हिंदी में 

  

जो होने वाला है अब उसकी फ़िक्र क्या कीजे

जो हो चुका है उसी पर यक़ीं नहीं आता

~ Shahryar 

 

मैं उस के वादे का अब भी यक़ीन करता हूँ

हज़ार बार जिसे आज़मा लिया मैं ने

~मख़मूर_सईदी

  

उस पे आती है मोहब्बत ऐसे

झूठ पे जैसे यकीन आता है

 

मुश्किल का मेरी उनको मुश्किल से यक़ीन आया

समझे मेरी मुश्किल को लेकिन बड़ी मुश्किल से

  

नज़र जो कोई भी तुझ सा हसीं नहीं आता

किसी को क्या मुझे ख़ुद भी यक़ीं नहीं आता

          

 

सर में सौदा* भी नहीं,  दिल में तमन्ना भी नहीं

लेकिन इस तर्क-ए-मोहब्बत का भरोसा भी नहीं

 

यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है

हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है

 

अब ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं रहा

मरने लगे हैं लोग क़ज़ा के बग़ैर भी

~Munawwar Rana

 

मिल ही जाएगा कभी दिल को यक़ीं रहता है

वो इसी शहर की गलियों में कहीं रहता है

~अहमद_मुश्ताक़

 

उम्र जितनी भी कटी उस के भरोसे पे कटी

और अब सोचता हूँ उस का भरोसा क्या था

~शहज़ाद_अहमद

 

उसी का शहर वही मुद्दई वही मुंसिफ़

हमें यक़ीं था हमारा क़ुसूर निकलेगा

~अमीर_क़ज़लबाश

 

यक़ीन किस पे करें किस को दोस्त ठहराएँ

हर आस्तीन में पोशीदा कोई ख़ंजर है

~हफ़ीज़_बनारसी

 

मुझे छोड़ दे मेरे हाल पर तिरा क्या भरोसा है चारागर

ये तिरी नवाज़िश-ए-मुख़्तसर मेरा दर्द और बढ़ा न दे

~शकील_बदायुनी

 

न कर किसी पे भरोसा कि कश्तियाँ डूबें

ख़ुदा के होते हुए नाख़ुदा के होते हुए

~अहमद_फ़राज़

 

  

अच्छा यक़ीं नहीं है तो कश्ती डुबा के देख

इक तू ही नाख़ुदा नहीं ज़ालिम ख़ुदा भी है

~QatilShifai

 

यक़ीन चाँद पे सूरज में ए’तिबार भी रख

मगर निगाह में थोड़ा सा इंतिज़ार भी रख

~NidaFazli

  

चाहिए ख़ुद पे यक़ीन-ए-कामिल

हौसला किसका बढ़ाता है कोई

 

यूँ न मुरझा कि मुझे ख़ुद पे भरोसा न रहे

पिछले मौसम में तिरे साथ खिला हूँ मैं भी

~मज़हर_इमाम

बुरी है आग पेट की,बुरे हैं दिल के दाग़ ये

न दब सकेंगे,एक दिन बनेंगे इन्क़लाब ये

तू ज़िन्दा है तो ज़िन्दगी की जीत में यकीन कर

~शैलेन्द्र

यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है

हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है

~ManzoorHashmi

 

उसी का शहर वही मुद्दई वही मुंसिफ़

हमें यक़ीं था हमारा क़ुसूर निकलेगा

~AmeerQazalbash

 

क्यूँ इतना हमें अपनी मोहब्बत पे यक़ीं है

दुनिया तो मोहब्बत की परस्तार नहीं है

~आलम_ख़ुर्शीद

 

~BackToBachpan

मुझको यक़ीं है सच कहती थीं जो भी अम्मी कहती थीं

जब मेरे बचपन के दिन थे चाँद में परियाँ रहती थीं

यक़ीन चाँद पे, सूरज में एतिबार भी रख

मगर निगाह में थोड़ा सा इंतिज़ार भी रख

~NidaFazli

उठा कर रोज़ ले जाता है मेरे ख़्वाब का मंज़र

वो मुझ से रोज़ कहता है भरोसा क्यूँ नहीं करते

~ख़ालिद_महमूद

 

तुम समुंदर की रिफ़ाक़त पे भरोसा न करो

तिश्नगी लब पे सजाए हुए मर जाओगे

कैफ़_अज़ीमाबादी

Bharosa shayari भरोसा शायरी

नहीं नहीं मैं बहुत ख़ुश रहा हूँ तेरे बग़ैर

यक़ीन कर कि ये हालत अभी अभी हुई है

~IrfanSattar

 

दिल को तेरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है

और तुझसे बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता

~AhmadFaraz

 

नक़ाब कहती है मैं पर्दा-ए-क़यामत हूँ

अगर यक़ीन न हो देख लो उठा के मुझे ~जलील_मानिकपुरी

 

न कोई वादा, न कोई यक़ीं. न कोई उम्मीद

मगर हमें तो तेरा इंतिज़ार करना था

~Firaq

    

उसी का शहर वही मुद्दई वही मुंसिफ़

हमें यक़ीं था हमारा क़ुसूर निकलेगा ~AmeerQazalbash

मुंसिफ़ = judge

 

यक़ीन चाँद पे सूरज में ए’तिबार भी रख

मगर निगाह में थोड़ा सा इंतिज़ार भी रख ~NidaaFazali

  

यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है

हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है ~manzoorhashmi

 

 

 Bharosa Shayari – Trust Shayari roman

doston jevan mein bharosa yani yaken bahut zaroore hota hai, jevan mein kae log ap par bharosa karaten hain aur ap bhe apane sathiyon par bharosa karate hain …parasapar yah vishvas aur bharosa he har rishte ko banata hai ……aiye janate hain ke prakhyat shayaron ne bharosa par shayari mein kya kaha hai ..

 

Bharosa par hindi shayari ka sabase achchha sangrah yahan upalabdh hai, ap is Bharosa hindi shayari ko apane Bharosa wahatsapp status ke roop mein upayog kar sakaten hai ya ap is Bharosa shayari ko apane doston ko facebook par bhi bhej sakaten hain. Bharosa par hindi ke yah sher, apaki bhavanaon  ko vyakt  karane mein apaki madad kar sakaten hain. Bharosa par shayari ka yahan sabase achchha collection hai.

sabhi hindi shayari ki list yahan hain. Hindi Shayari

 

*****

vo mujh ko bhool chuka ab yaqin hai varna

vafa nahin to jafaon ka silasila rakhata

~iffat zarrin

 

vae khush-fahami ki parvaz-e-yaqin se bhi gae

asaman chhoone ki khvahish mein zamin se bhi gae

~zafar kalim

 

yoon mulaqat ka ye daur banae rakhie

maut kab sath nibha jae bharosa kya hai

 

chahie khud pe yaqin-e-kamil

hausala kis ka badhata hai koi

~shakil badayuni

  

na koi vada na koi yaqin na koi umid

magar hamen to tera intizar karana tha

~firaq gorakhapuri

   

divaren chhoti hoti thin lekin parda hota tha

tale ki ijad se pahale sirf bharosa hota tha

jab tak matha choom ke rukhsat karane vali zinda thi

daravaze ke bahar tak bhi munh mein luqma hota tha

~azahar farag

 

ajab ye daur aya hai ki jis mein

galat kuchh bhi nahin sab kuchh sahi hai

mukammal khud ko jo bhi manata hai

yaqin mane bahut us mein kami hai

~niraj gosvami

     

tumhare panv ke niche koi zamin nahin

kamal ye hai ki, fir bhi tumhen yaqin nahin

~dushyant kumar

 

use guman hai ki meri udan kuchh kam hai

mujhe yaqin hai ki ye asaman kuchh kam hai

~nafas ambalavi

 

yaqin ho to koi rasta nikalata hai

hava ki ot bhi le kar charag jalata hai

~manzoor_hashami

 

koi bhi nahin jis pe bharosa kije

yan log badal jate hain mausam ki tarah

usi ka shahar, vahi muddi, vahi munsif

hamen yaqin tha hamara qusoor nikalega

~amir qazalabash

 

umr jitani bhi kati us ke bharose pe kati

aur ab sochata hoon us ka bharosa kya tha

~shahazad ahamad

 

saval hi nahin duniya se mere jane ka

mujhe yaqin hai jab tak kisi ke ane ka

~anavar shoor

 

adami bulabula hai pani ka

kya bharosa hai zindagani ka

 

meri zaban se meri dastan suno to sahi

yaqin karo na karo meharaban suno to sahi

~sudarshan fakir ~goodmorning

 

yaqin na ae to ik bat poochh kar dekho

jo hans raha hai, vo zakhmon se choor nikalega

~amir qazalabash

  

mujhe chhod de mere hal par

tera kya bharosa hai charagar,

ye teri navazish-e-mukhtasar

mera dard aur badha na de,

~shakaiailbadayuni

 

 so dekh kar tire rukhsar o lab yaqin aya

ki fool khilate hain gulazar ke alava bhi

~faraz

 

dil ko teri chahat pe bharosa bhi bahut hai

aur tujh se bichhad jane ka dar bhi nahin jata

~ahamad faraz

 

vo shakhs bada hai to galat ho nahin sakata

duniya ko bharosa ye abhi to nahin hoga

~alok_shrivastav

irade chhootane vale na araman tootane vale

mujhe tujh par yaqin hain ai mera dil lootane vale

tujhe meri muhabbat ka na ab tak aitabar aya

na koi vada na koi yaqin na koi ummid

magar hamen to tira intizar karana tha

~firaq

 

hasino par yaqin karana sarasar bevakoofi hai,

ada in ki hai qafir to farebi chal hai pyare !!

 

yaqin usi ke vade pe lana padega

ye dhokha to danista khana padega

~munir_bhopali

 

gulami mein na kam ati hain shamashiren na tadabiren,

jo ho zauq-e-yaqin paida to kat jati hain zanjiren !! -allama iqabal

is hadase ko sun ke karega yaqin koi

sooraj ko ek jhonka hava ka bujha gaya

 

adami bulabula hai pani ka

kya bharosa hai zindagani ka

~raza

‏  

jo hone vala hai ab usaki fikr kya kije

jo ho chuka hai usi par yaqin nahin ata

~ shahryar 

 

main us ke vade ka ab bhi yaqin karata hoon

hazar bar jise azama liya main ne

~makhamoor_saidi

  

us pe ati hai mohabbat aise

jhooth pe jaise yaken ata hai

 

mushkil ka meri unako mushkil se yaqin aya

samajhe meri mushkil ko lekin badi mushkil se

  

nazar jo koi bhi tujh sa hasin nahin ata

kisi ko kya mujhe khud bhi yaqin nahin ata

    

sar mein sauda* bhi nahin,  dil mein tamanna bhi nahin

lekin is tark-e-mohabbat ka bharosa bhi nahin

 

yaqin ho to koi rasta nikalata hai

hava ki ot bhi le kar charag jalata hai

 

ab zindagi ka koi bharosa nahin raha

marane lage hain log qaza ke bagair bhi

~munawwar ran

 

mil hi jaega kabhi dil ko yaqin rahata hai

vo isi shahar ki galiyon mein kahin rahata hai

~ahamad_mushtaq

 

umr jitani bhi kati us ke bharose pe kati

aur ab sochata hoon us ka bharosa kya tha

~shahazad_ahamad

 

usi ka shahar vahi muddi vahi munsif

hamen yaqin tha hamara qusoor nikalega

~amir_qazalabash

 

yaqin kis pe karen kis ko dost thaharaen

har astin mein poshida koi khanjar hai

~hafiz_banarasi

 

mujhe chhod de mere hal par tira kya bharosa hai charagar

ye tiri navazish-e-mukhtasar mera dard aur badha na de

~shakil_badayuni

 

na kar kisi pe bharosa ki kashtiyan dooben

khuda ke hote hue nakhuda ke hote hue

~ahamad_faraz

achchha yaqin nahin hai to kashti duba ke dekh

ik too hi nakhuda nahin zalim khuda bhi hai

~qatilshifai

 

yaqin chand pe sooraj mein etibar bhi rakh

magar nigah mein thoda sa intizar bhi rakh

~nidafazli

  

chahie khud pe yaqin-e-kamil

hausala kisaka badhata hai koi

 

yoon na murajha ki mujhe khud pe bharosa na rahe

pichhale mausam mein tire sath khila hoon main bhi

~mazahar_imam

buri hai ag pet ki,bure hain dil ke dag ye

na dab sakenge,ek din banenge inqalab ye

too zinda hai to zindagi ki jit mein yaken kar

~shailendr

yaqin ho to koi rasta nikalata hai

hava ki ot bhi le kar charag jalata hai

~manzoorhashmi

 

usi ka shahar vahi muddi vahi munsif

hamen yaqin tha hamara qusoor nikalega

~amaiairqazalbas

 

kyoon itana hamen apani mohabbat pe yaqin hai

duniya to mohabbat ki parastar nahin hai

~alam_khurshid

 

~bachktobachhpan

mujhako yaqin hai sach kahati thin jo bhi ammi kahati thin

jab mere bachapan ke din the chand mein pariyan rahati thin

yaqin chand pe, sooraj mein etibar bhi rakh

magar nigah mein thoda sa intizar bhi rakh

~nidafazli

utha kar roz le jata hai mere khvab ka manzar

vo mujh se roz kahata hai bharosa kyoon nahin karate

~khalid_mahamood

 

tum samundar ki rifaqat pe bharosa na karo

tishnagi lab pe sajae hue mar jaoge

kaif_azimabadi

 

nahin nahin main bahut khush raha hoon tere bagair

yaqin kar ki ye halat abhi abhi hui hai

~irfansattar

 

dil ko teri chahat pe bharosa bhi bahut hai

aur tujhase bichhad jane ka dar bhi nahin jata

~ahmadfaraz

 

naqab kahati hai main parda-e-qayamat hoon

agar yaqin na ho dekh lo utha ke mujhe ~jalil_manikapuri

 

na koi vada, na koi yaqin. na koi ummid

magar hamen to tera intizar karana tha

~firaq

    

usi ka shahar vahi muddi vahi munsif

hamen yaqin tha hamara qusoor nikalega ~amaiairqazalbash

munsif = judgai

 

yaqin chand pe sooraj mein etibar bhi rakh

magar nigah mein thoda sa intizar bhi rakh ~nidafazali

  

yaqin ho to koi rasta nikalata hai

hava ki ot bhi le kar charag jalata hai ~manzoorhashmi

 

 

search Tags

Bharosa Shayari, Bharosa Hindi Shayari, Bharosa Shayari, Bharosa whatsapp status, Bharosa hindi Status, Hindi Shayari on Bharosa, Bharosa whatsapp status in hindi,

भरोसा हिंदी शायरी, हिंदी शायरी, भरोसा, भरोसा स्टेटस, भरोसा व्हाट्स अप स्टेटस, भरोसा पर शायरी, भरोसा शायरी, भरोसा पर शेर, भरोसा की शायरी,

Trust Shayari, Trust Hindi Shayari, Trust Shayari, Trust whatsapp status, Trust hindi Status, Hindi Shayari on Trust, Trust whatsapp status in hindi,

 

Fareb Shayari, Dhoka shayari

फ़रेब शायरी (धोका शायरी)

Here you can get the best collection of Hindi Shayari on fareb, Dhoka shayari, You can use it as your hindi whatsapp status or can send this Dhoka Shayari to your facebook friends. These Hindi shayari on dhohkha  is excellent in expressing your emotions.

For other subject list of all Hindi Shayari is here Hindi Shayari .

फ़रेब शायरी (धोका शायरी)  का सबसे अच्छा संग्रह यहाँ उपलब्ध है, आप इस फ़रेब शायरी (धोका शायरी) Fareb Shayari को अपने हिंदी वाहट्सएप्प स्टेटस के रूप में उपयोग कर सकतें है या आप इस बेहतरीन हिंदी शायरी को अपने दोस्तों को फेसबुक पर भी भेज सकतें हैं। धोका और विश्वासघात पर हिंदी के यह शेर, भावनाओं को व्यक्त करने में आपकी मदद कर सकतें हैं

फ़रेब शायरी (धोका शायरी) के बारे में अपने विचार …शायरी नीचे कमेंट्स में ज़रूर बताएं ….

*************************************************************************

प्यार करो तो हमेशा मुस्कुरा के,

किसी को धोका ना दो अपना बना के,

कर लो याद जब तक हम ज़िंदा है,

फिर ना कहना की चले गये दिल मे यादें बसा के…

बड़े वसूक़ से दुनिया फ़रेब देती रही

बड़े ख़ुलूस से हम ए’तिबार करते रहे

~शोकत वास्ती

चमक चमक के सितारो मुझे फ़रेब न दो

तुम अपनी रात गुज़ारो मुझे फ़रेब न दो

~शहज़ाद अहमद

 क़दम क़दम फ़रेब है हर राह है दुश्वार,

पाओं में सौ बेड़ियाँ जैसे चलना क़ुसूर है !!

तिरे वा’दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाए,

कोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए !! -फ़ना निज़ामी कानपुरी

हम को लुत्फ़ आता है अब फ़रेब खाने में

आज़माएँ लोगों को, ख़ूब आज़माने में

~आलम ख़ुर्शीद

ये भी फ़रेब से हैं कुछ दर्द आशिक़ी के

हम मर के क्या करेंगे क्या कर लिया है जी के

~असग़र गोंडवी

 आया न एक बार अयादत को तू मसीह

सौ बार मैं फ़रेब से बीमार हो चुका

~AmeerMinai

अगर आप इन खुबसूरत टेक्स्ट मेसेजेस को pictures के रूप में डाउनलोड करना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें.

Dhoka Status Pictures – Dhoka dp Pictures – Dhoka Shayari Pictures

दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया,

तुझ से भी दिल-फ़रेब हैं ग़म रोज़गार के !! -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

शोबदा-बाज़ी* किसी की न चलेगी हम पर

तंज़ ओ दुश्नाम** को कहते हो लतीफ़ा समझें

– Bilqis Zafirul Hasan

यक़ीन उसी के वादे पे लाना पड़ेगा

ये धोका तो दानिस्ता खाना पड़ेगा

~मुनीर_भोपाली

फ़रेब खाने को पेशा बना लिया हम ने

जब एक बार वफ़ा का फ़रेब खा बैठे

~अहमद_नदीम_क़ासमी

दुनिया फ़रेब दे के हुनरमंद हो गई

मैं एतेमाद करके गुनाहगार हो गया

~अदम

बरसों फ़रेब खाते रहे दूसरों से हम

अपनी समझ में आए बड़ी मुश्किलों से हम

इक इक क़दम फ़रेब-ए-तमन्ना से बच के चल

दुनिया की आरज़ू है तो दुनिया से बच के चल

~शकील_बदायुनी

दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया

तुझ से भी दिल-फ़रेब हैं ग़म रोज़गार के

~Faiz

‏جن کا مقصد فریب ہوتا ہے

وہ بڑی سادگی سے ملتے ہیں

जिन का मक़्सद फ़रेब होता है

वो बड़ी सादगी से मिलते हैं

‏यूँ दीजिए फ़रेब-ए-मोहब्बत कि उम्र भर

मैं ज़िंदगी को याद करूँ ज़िंदगी मुझे

~ShakeelBadayuni

जुदाइयाँ हों तो ऐसी कि उम्र भर न मिलें

फ़रेब दो तो ज़रा सिलसिले बढ़ा के मुझे

~अहमद_फ़राज़

हर इक शिकस्त-ए-तमन्ना पे मुस्कुराते हैं

वो क्या करें जो मुसलसल फ़रेब खाते हैं

~राज़_मुरादाबादी

 ज़हे करिश्मा कि यूँ दे रक्खा है हम को फ़रेब,

कि बिन कहे ही उन्हें सब ख़बर है क्या कहिए !! -मिर्ज़ा ग़ालिब

ऐ मुझ को फ़रेब देने वाले

मैं तुझ पे यक़ीन कर चुका हूँ

~अतहर_नफ़ीस

बड़े वसूक़ से दुनिया फ़रेब देती है,

बड़े ख़ुलूस से हम ऐतबार करते हैं !!

ये और बात कि मंज़िल-फ़रेब था लेकिन

हुनर वो जानता था हम-सफ़र बनाने का

~SaleemAhmad

माना ये ज़िंदगी है फ़रेबों का सिलसिला

देखो किसी फ़रेब के जौहर कभी कभी

 समझ लिया था कभी एक सराब को दरिया,

पर एक सुकून था हमको फ़रेब खाने में !! ~JavedAkhtar

तेरे वादों पे कहाँ तक मेरा दिल फ़रेब खाए

कोई ऐसा कर बहाना, मेरी आस टूट जाए

~FanaNizami

अब न बहल सकेगा दिल अब न दिए जलाइए

इश्क़ ओ हवस हैं सब फ़रेब आप से क्या छुपाइए

~AhmadMushtaq

फ़ासला नज़रों का धोका भी तो हो सकता है

वो मिले या न मिले हाथ बढा कर देखो

-निदा फ़ाजली

इस कदर भुखा हु दोस्तों

के आज कल ‘धोका‘ भी खा लेता हु…!

‘हमने तो समझा था फूल खिले

चुन-चुन के देखा तो काँटे मिले

ये अनोखा जहां,हरदम धोका यहाँ

इस वीराने में कैसी बहार’ ‏

 

************************

Dhoka shayari in roman hinglish 

fareb shayari (Dhoka shayari) ka sabase achchha sangrah yahan upalabdh hai, ap is fareb shayari (Dhoka shayari) faraib shayari ko apane hindi whatsapp status  ke roop mein upayog kar sakaten hai ya ap is behatarin hindi shayari ko apane doston ko facebook par bhi bhej sakaten hain. Dhoka aur vishvasaghat par hindi ke yah sher, bhavanaon ko vyakt karane mein apaki madad kar sakaten hain
fareb shayari (Dhoka shayari) ke bare mein apane vichar …shayari niche kaments mein zaroor bataen ….

pyar karo to hamesha muskura ke,
kisi ko Dhoka na do apana bana ke,
kar lo yad jab tak ham zinda hai,
fir na kahana ki chale gaye dil me yaden basa ke…

bade vasooq se duniya fareb deti rahi
bade khuloos se ham etibar karate rahe
~shokat vasti

chamak chamak ke sitaro mujhe fareb na do
tum apani rat guzaro mujhe fareb na do
~shahazad ahamad

qadam qadam fareb hai har rah hai dushvar,
paon mein sau bediyan jaise chalana qusoor hai !!

tire vadon pe kahan tak mira dil fareb khae,
koi aisa kar bahana miri as toot jae !! -fana nizami kanapuri

ham ko lutf ata hai ab fareb khane mein
azamaen logon ko, khoob azamane mein
~alam khurshid

ye bhi fareb se hain kuchh dard ashiqi ke
ham mar ke kya karenge kya kar liya hai ji ke
~asagar gondavi

aya na ek bar ayadat ko too masih
sau bar main fareb se bimar ho chuka
~amaiairminai

duniya ne teri yad se begana kar diya,
tujh se bhi dil-fareb hain gam rozagar ke !! -faiz ahamad faiz

shobada-bazi* kisi ki na chalegi ham par
tanz o dushnam** ko kahate ho latifa samajhen

  • bilqis zafirul hasan

    yaqin usi ke vade pe lana padega
    ye Dhoka to danista khana padega
    ~munir_bhopali

    fareb khane ko pesha bana liya ham ne
    jab ek bar vafa ka fareb kha baithe
    ~ahamad_nadim_qasami

duniya fareb de ke hunaramand ho gai
main etemad karake gunahagar ho gaya
~adam

barason fareb khate rahe doosaron se ham
apani samajh mein ae badi mushkilon se ham

ik ik qadam fareb-e-tamanna se bach ke chal
duniya ki arazoo hai to duniya se bach ke chal
~shakil_badayuni

duniya ne teri yad se begana kar diya
tujh se bhi dil-fareb hain gam rozagar ke
~faiz

‏jn ka mqshd fryb ہwt ہے
wہ bڑy sadgy sے mltے ہyں
jin ka maqsad fareb hota hai
vo badi sadagi se milate hain

‏yoon dijie fareb-e-mohabbat ki umr bhar
main zindagi ko yad karoon zindagi mujhe
~shakaiailbadayuni

judaiyan hon to aisi ki umr bhar na milen
fareb do to zara silasile badha ke mujhe
~ahamad_faraz

har ik shikast-e-tamanna pe muskurate hain
vo kya karen jo musalasal fareb khate hain
~raz_muradabadi

zahe karishma ki yoon de rakkha hai ham ko fareb,
ki bin kahe hi unhen sab khabar hai kya kahie !! -mirza galib

ai mujh ko fareb dene vale
main tujh pe yaqin kar chuka hoon
~atahar_nafis

bade vasooq se duniya fareb deti hai,
bade khuloos se ham aitabar karate hain !!

ye aur bat ki manzil-fareb tha lekin
hunar vo janata tha ham-safar banane ka
~salaiaimahmad

mana ye zindagi hai farebon ka silasila
dekho kisi fareb ke jauhar kabhi kabhi

samajh liya tha kabhi ek sarab ko dariya,
par ek sukoon tha hamako fareb khane mein !! ~javaidakhtar

tere vadon pe kahan tak mera dil fareb khae
koi aisa kar bahana, meri as toot jae
~fananizami

ab na bahal sakega dil ab na die jalaie
ishq o havas hain sab fareb ap se kya chhupaie
~ahmadmushtaq

fasala nazaron ka Dhoka bhi to ho sakata hai
vo mile ya na mile hath badha kar dekho
-nida fajali

is kadar bhukha hu doston
ke aj kal Dhoka bhi kha leta hu…!
hamane to samajha tha fool khile
chun-chun ke dekha to kante mile
ye anokha jahan,haradam Dhoka yahan
is virane mein kaisi bahar ‏

Dua Shayari

  दुआ शायरी Dua Shayari Here you can get the best collection of Hindi Shayari on Dua, You can use it as your hindi whatsapp status or can send this Dua Shayari to your facebook friends. These Hindi shayari on dua is excellent in expressing your emotions. For other subject list of all Hindi Shayari […]

Imtihan Shayari in hindi इम्तिहान शायरी – आज़माइश शायरी

इम्तिहान  शायरी – आज़माइश शायरी Imtihaan Shayari in hindi Imtihaan shayari दोस्तों हम सबकी ज़िन्दगी में आज़माइश और इम्तिहान आते हें यह जीवन का हिस्सा हे इम्तिहान के दौर में हमें हिम्मत से काम लेना चाहिए, यहाँ इस पेज पर हम इम्तिहान पर कुछ शेर प्रस्तुत कर रहें हे, जब भी आप किसी सख्त मुश्किल […]

Love letter shayari in hindi ख़त पर शायरी

Love letter shayari in hindi ख़त पर शायरी ख़त पर  शायरी Love letter shayari in hindi :- Here we are presenting a Collection of Hindi Shayari on Khat (The letter) ख़त पर हिंदी और उर्दू शायरी का संग्रह हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहें हैं, जब भी आप किसी को ख़त लिखें तो अपने ख़त […]

Net In Hindi.com