Hindi Kahani – A father’s Advice to son for Success in Hindi
हिंदी कहानी – सफलता के लिए पिता की सीख
एक बार एक लड़का अपने पिता के पास पहुंचा और कहने लगा
“पापा, में अब यह और नहीं कर सकता! ये कड़ा अभ्यास मुझे थका देता है, और कोई रिज़ल्ट नहीं आ रहा है, एसा लगता है की में एक प्रोफेशनल फ़ुटबाल खिलाडी कभी नहीं बन पाउँगा! मेरा सपना कभी पूरा नहीं होगा!” (Hindi Kahani)
पिता ने उसे प्यार से देखा और कहा “तुम जानते हो बेटा! हर इन्सान का एक सपना होता है, एक लक्ष्य जो वह हांसिल करना चाहता है। सपने ही वह चीज़ हैं जो हमें वह करने पर मजबूर करतें हैं जो हम कर रहें हैं और यही हमें करना चाहिए! । हम जिस बात में विश्वास करतें हैं हमें उसके लिए लड़ना चाहिए।”
“अगर तुम एसा नहीं करोगे तो तुम एकदम टूट जाओगे, और अपनी पूरी ज़िन्दगी असफल व्यक्ति की तरह बिता दोगे। मुश्किलों की वजह से काम छोड़ देना आसान हैं, क्यों की हम मुश्किलों के आदि नहीं हैं, हम यह चाहतें हैं की सबकुछ आसानी से और अभी हो जाये। लेकिन हमारी इच्छाएं क्षणिक हैं, इसी वजह से हमारे सपने मर जातें हैं और हमारा लक्ष्य हमें असंभव लगने लगता है। और इसी तरह जीते रहने से हम एक रूटीन ज़िन्दगी जीने लगते हैं जिसका कोई मतलब नहीं है। (Hindi Kahani of Father and son)
हम उम्मीद करतें हैं की कोई एसा दिन आएगा जो हमारी ज़िन्दगी को बदल देगा, लेकिन नयी बाधाएं हमारे रास्ते में आती हैं और हम फिर हार मान लेतें हैं और रुक जातें हैं। हम निराशा और गुस्से से भर जातें हैं, हमारी अपनी असमर्थता की वजह से।
इसीलिए तुम केवल एक ही बात पर ध्यान केन्द्रित रखो और वह है कभी हार मत मानो! लड़ो! इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की तुम कितनी बार असफल हो चुके हो! ज़िन्दगी आगे बढती रहती है।
तुम्हारे सबसे बड़े दुश्मन तुम्हारे अन्दर ही छिपे बैठें है – आलस, डर, शंका, फैसला नहीं कर पाना।
अपने सपने के योद्धा बनो! अपने लक्ष्य के सेनापति बनो! अपनी इच्छा के सेनिक बनो!
Moral of this Hindi Kahani is
Be a warrior of your dream, a knight of your goal and a soldier of your wishes.
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