Hindi Kahani
Hindi Inspiring story what is your value?
हिंदी कहानी – आपकी कीमत क्या है ?
एक बार की बात है, एक व्यापारी एक शहर में रहता था, वह बहुत ज़्यादा ज्ञानी, पढ़ा लिखा नहीं था. अपने व्यापार के सिलसिले में वह कई शहरों में घूमा था और अनगिनत व्यक्तियों से मिलता रहता था, इसलिए उसके पास व्यहवारिक ज्ञान बहुत था। वह दिन रात अपने व्यापर में लगा रहता था। उसका एक पुत्र भी था, लेकिन उसका पुत्र व्यापर में ज़रा भी ध्यान नहीं देता था, और वह व्यापारी की दुकान पर भी नहीं बैठता था।
उसने एक दिन इसका कारण जानने के लिए अपने बेटे से पुछा ” बेटा!, क्या बात है तुम व्यापार में मेरा हाथ नहीं बटाते हो, अब तो तुम्हारी पढ़ाई भी पूरी हो चुकी है?
बेटे ने कहा ” पिताजी मेरे पास आप जैसा अनुभव और व्यापार का ज्ञान बिलकुल नहीं है, और में आपकी तरह लोगो से व्यहवार की कला भी नहीं जनता! इसलिए व्यापार का काम काज देखना मेरे बस की बात नहीं है !”
उसने कहा ” बेटा लेकिन तुम चाहो तो कोशिश करके, ये सब चीज़ें सीख सकते हो!”
लेकिन बेटा नहीं माना उसने कहा ” लेकिन पिताजी में पहले भी व्यापार में कई बार असफल हो चूका हूँ। ” ( Hindi Kahani)
व्यापारी समझ गया की लड़के के मन में हीन भावना घर कर गयी है, उसने बेटे को समझाने के लिए अपनी जेब से 1000 रुपए का नोट निकला और पुछा “बेटा! अच्छा बताओ इस नोट के कीमत बाज़ार में क्या कीमत है? बेटे ने जवाब दिया ” एक हज़ार रूपये !”
व्यापारी ने उस नोट को अपने हाथो में लेकर बुरी तरह मसल दिया और पुछा “बताओ अब इसकी कीमत क्या है?”
“हज़ार रूपये !” लड़के ने जवाब दिया
व्यापारी ने नोट को ज़मीन पर गिरा दिया, और अपने पैर से कुचल दिया, और फिर उसे उठाकर लड़के की और दिखाते हुए पुछा “और अब ?”
“अब भी इस नोट की कीमत हज़ार रूपये ही है, चाहे आप इसे कितना ही मसल दें, इसकी कीमत नहीं घटने वाली, इस नोट के ऊपर जो कीमत लिखी हुई है वही इसकी कीमत बाज़ार में हमेशा रहेगी।” लड़के ने जवाब दिया
पिता यही सुनना चाहता था उसने कहा ” बेटा तुमने ठीक कहा! तुमने आज जीवन में काम आने वाली उपयोगी शिक्षा हांसिल की है, हज़ार के नोट, को कितना भी मसल दिया जाये वह हज़ार का नोट ही रहता है!”
इसी तरह, हम ज़िन्दगी में कई बार अपने गलत निर्णयों द्वारा, या परिस्थितियों के कारण, नाकाम होतें हैं, धुल में मिल जातें हैं, लोग हमारा मज़ाक उड़तें हैं और हमें छोड़कर चले जातें हैं, और हम अपने आपको हीन समझने लगतें हैं, लेकिन इन सबसे हमारी कीमत और योग्यता कम नहीं हो जाती! (Hindi Kahani)
हमारी योग्यता केवल उतनी ही होती है जितना हम अपने मन में उसे मानते हैं, अगर तुम अपने आप को व्यापार के अयोग्य समझोगे तो वास्तव में असफल हो जाओगे।
निश्चय कर लो की, जो कुछ भी असफलता तुम्हे मिली है, और आगे भविष्य में जो भी हालात आएंगे, तुम अपने मन में अपनी योग्यता की लिखी कीमत को कम नहीं होने दोगे!
Moral of this Hindi Kahani is
Never let yesterday’s disappointments overshadow tomorrow’s dreams.
कल हुई नाकामयाबियों को अपने आने वाले कल के सपनों पर हावी मत होने दो !
“Value has a value only if its value is valued”
लोगो की नज़रों में आपकी उतनी ही कीमत होती है जितनी की आप, खुद को योग्य समझते हो।
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