Hindi Kahani – Nai Soch – Lateral thinking for solving problems
सालों पहले की बात है, इटली के एक छोटे कस्बे में, एक छोटा व्यापारी अपने परिवार के साथ रहता था। उसके परिवार में उसकी पत्नी, और उसकी लड़की थी। व्यापारी की लड़की बहुत चतुर और खूबसूरत थी। एक बार उस व्यापारी ने, व्यापार करने के लिए साहूकार से ब्याज पर कुछ धन उधर लिया, परन्तु उसे व्यापार में बहुत ही घाटा उठाना पड़ा। दिन ब दिन, उसका ब्याज बढ़ता ही गया और वह ब्याज और महाजन के दुष्चक्र में बुरी तरह फँस गया।
महाजन, जो की एक धूर्त अधेड़ व्यक्ति था, उसकी बुरी नज़र व्यापारी की बेटी पर थी। उसने इस मोके का फायदा उठाने की सोची, उसने कहा की अगर व्यापारी, अपनी बेटी की शादी उसके साथ तय कर दे, तो वह उसका सारा क़र्ज़ माफ़ कर देगा। ( Hindi Kahani )
यह सुनकर व्यापारी और उसकी बेटी दोनों बहुत डर और घबरा गए। दोनों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
लेकिन धूर्त महाजन नहीं माना, और कहने लगा की “चलो, इसका फैसला किस्मत पर छोड़ देते है, कल में एक खाली थेली लेकर आऊंगा और इन पत्थरों में से दो पत्थर, एक काला और एक सफ़ेद पत्थर, उस थेली में डाल दूंगा” उसने नीचे, रास्ते में पड़े हुए छोटे सफ़ेद और काले पत्थरों की और इशारा करके कहा। “तुम्हारी लड़की को थेली में से एक पत्थर निकालना होगा, अगर उसने काला पत्थर निकाला तो वह मेरी पत्नी बन जाएगी और यदि उसके हाथ में सफ़ेद पत्थर आया, तो में सारा क़र्ज़ माफ़ कर दूंगा, लेकिन अगर लड़की ने पत्थर निकालने से इंकार कर दिया तो में तुम्हारा मकान ज़ब्त कर लूँगा, और तुम्हे जेल भिजवा दूंगा !” यह कहकर वह अपने साथियों के साथ वहां से चला गया। ( Hindi Kahani )
अगले दिन, वादे के मुताबिक महाजन वहां आ धमका! उसके साथ सरपंच और दरोगा भी था। तभी, वह बात करते करते अचानक निचे झुका, और तेज़ी से दो छोटे पत्थर थेली में डाल लिए, व्यापारी के लड़की, जो की चतुर और बुद्धिमान थी ने अपनी तेज़ नज़रों से देख लिया की, धूर्त महाजन ने चालाकी से, दोनों काले पत्थर उठायें हैं ! ताकि लड़की कोई भी पत्थर निकले वह काला ही हो, और वह उसकी पत्नी बन जाए।
सोचिये, अगर आप उस लड़की की जगह होते तो क्या करते ? अगर आप उस लड़की को सलाह दे तो आप उसे क्या करने की सलाह देंगे?
सावधानी से विश्लेषण करने पर तीन सम्भावनाएं नज़र आती हैं। ( Hindi Kahani )
1. लड़की को पत्थर निकलने से इंकार कर देना चाहिए।
2. लड़की को बता देना चाहिए की महाजन ने बेईमानी की है और उसने थैली में दोनों काले पत्थर डाले हैं।
3. लड़की को अपने पिता को क़र्ज़ और जेल जाने से बचाने के लिए अपने आप को कुर्बान कर देना चाहिए और एक पत्थर निकाल लेना चाहिए।
यह कहानी तार्किक सोच (Logical thinking) से समस्या हल करने और नई सोच (Lateral thinking) से समस्या हल करने के अंतर को बताती है।
ऊपर दिए गए तीनो हल तार्किक सोच से प्रस्तुत किये गये हल हैं, लेकिन इस समस्या का एक और हल भी संभव है, जो की यह है। ( Hindi Kahani )
लड़की ने आगे बढ़कर झुकते हुए, थेली में अपना हाथ डाला और एक पत्थर निकाला।
बिना पत्थर देखे, उसने अचानक लड़खड़ाते हुए पत्थर निचे गिरा दिया! चुकी रस्ते में कई सफ़ेद और काले पत्थर पड़े हुए थे, वह पत्थर, उन पत्थरों में खो गया।
उसने कहा ” ओह! मेरे हाथ से पत्थर फिसल गया, मेने यह क्या कर दिया! लेकिन कोई बात नहीं, थेली में बचे हुए पत्थर को देखकर आप जान सकते हैं की मेने कोनसा पत्थर उठाया था!” ( Hindi Kahani )
चूकि थेली में अब केवल एक कला पत्थर बचा था, जिसका मतलब था की लड़की ने सफ़ेद पत्थर निकाला होगा। महाजन भी, दरोगा और सरपंच के सामने यह बात नहीं बता सकता था की, उसने बेईमानी करते हुए थेली में दोनों काले पत्थर डाल दिए थे। वादे के अनुसार व्यापारी का सारा क़र्ज़ माफ़ कर दिया गया।
और इस तरह उस बुद्धिमान लड़की ने एक असंभव लगने वाली स्थिती में भी जीत हांसिल कर ली।
कहानी की शिक्षा
बहुत कठिन लगने वाली समस्या का भी हल होता है, कभी कभी हमें समस्याओं को, नई सोच और नए दर्ष्टिकोण से देखने की ज़रुरत होती है।
MORAL OF THE STORY
Most complex problems do have a solution, sometimes we have to think about them in a different way.
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