Hindi Kahani – Restless Frog
हिंदी कहानी – दृढ़ निश्चय की ताकत
एक बार एक मेंढ़क, एक खेत के बाड़े में उछलकूद कर रहा था, उसने सोचा क्यों ना आज में पूरा बाड़ा घूम कर देख लूँ, अपनी इस उत्सुकता में वह लापरवाही से इधर उधर कूदने लगा, और अंत में एक आधी भरी हुई दूध की बाल्टी में जा गिरा।
उसने तैर कर बाल्टी की किनोर तक पहुचना चाहा, लेकिन उसने पाया की बाल्टी की दीवारें बहुत ऊँची है, और वह तैरकर ऊपर नहीं पहुँच सकता। उसने अपनी पूरी ताकत लगाकर, बाल्टी के तल पर से उछलकर, बाहर आने की कोशिश की, फिर भी वह बाहर निकलने में नाकाम रहा. (Hindi Kahani)
मेढ़क ने निश्चय कर लिया की, चाहे कुछ भी हो जाये वह हार नहीं मानेगा! उसने अपना संघर्ष जारी रखा। वह लगातार बाल्टी में गोल गोल तैरता और छटपटाता रहा। उसके लगातार गोल गोल घूमने से बाल्टी में भरा दूध मथता रहा और शाम तक उसमे मख्खन की एक परत जमने लगी. जब यह परत थोड़ी और मोटी हो गयी, तब वह मेढ़क इस परत पर बैठकर उछला और सीधे बाल्टी के बहार आ कर गिरा।
आपकी समस्या कितनी भी बड़ी क्यों ना हो और उसका ख़त्म होना आपको असंभव लगता हो पर, अगर आप हार मानने से इंकार कर दें और लगातार संघर्ष करते रहें तो यकीन मानिये कोई न कोई रास्ता आपके लिए ज़रूर निकल आयेगा । (Hindi Kahani)
So, The Moral of this short Hindi inspirational story is –
कभी हार ना मानने का निश्चय कर लें, और लगातार संघर्ष करते रहें। जब एक मेढ़क दृढ़ निश्चय से अपनी समस्या को हल कर सकता है तो आप क्यों नहीं !
When a determined frog can solve his problem, why you cant !
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