Hindi Kahani सबसे कीमती चीज़
Hindi Kahani – Most Valuable Thing
हिंदी कहानी – सबसे कीमती चीज़
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काफी वक़्त हो गया था, जेक को उस बुज़ुर्ग से मिले हुए जो उनके पड़ोस में अकेले रहते थे। कॉलेज, लड़कियाँ, कॅरियर, इन सब चीज़ों ने उसे कभी समय ही नहीं दिया। जेक सपनो का पीछा करते करते, अपना शहर छोड़कर महानगर में आ गया। इस व्यस्त ज़िन्दगी में जेक के पास अतीत के बारे में सोचने का वक़्त कहाँ था, पत्नी और बच्चे को भी वह बहुत काम वक़्त दे पता था। वह अपना भविष्य बनाने में लगा हुआ था और उसे कोई नहीं रोक सकता था।
एक दिन उसकी माँ का फोन आया “मिस्टर बेसलर का कल रात देहांत हो गया ! अंतिम संस्कार बुधवार को रखा गया है” यह सुनकर उसकी आँखों के सामने अपनी बचपन की यादें किसी फिल्म के तरह चलने लगी।
“जैक! क्या तुम मुझे सुन रहे हो!” उसकी माँ ने कहा
“ओह! सॉरी मॉम, बहुत दिन हो गए थे, मेरे मन में तो उनका ख्याल ही नहीं आया! सच कहूँ में तो समझता था की वो कई साल पहले ही गुजर चुकें हैं।”
जेक ने कहा।
“वो तुम्हे कभी नहीं भूले थे बेटा, जब भी वो मुझे दिखाई देते थे बस तुम्हारे बारे में ही सवाल करते थे और उन दिनों की याद ताज़ा करते थे जब तुम उनके आहाते में घंटो उनके साथ बतियाते और खेलते थे।” जेक की मॉम ने कहा।
” में उनके उस पुराने बड़े घर को बहुत पसंद करता था जो हमारे घर के पास था।” जेक ने कहा।
“तुम जानते हो जेक जब तुम्हारे पिता की मृत्यु हुई, तब से ही उन्होंने इस बात का ख्याल रखा था की तुम्हे एक पिता और दोस्त की कमी महसूस न होने पाये।” उन्होंने कहा।
“हाँ, मॉम उन्होंने ही मुझे कार्पेन्टरी की बेसिक बातें सिखाई थी, अगर वह न होते तो में आज इस बिज़नेस में नहीं होता।”
जेक ने अगली फ्लाइट पकड़ी और अपने घर पहुँच गया।
मिस्टर बेसलर का अंतिम संस्कार साधारण था, उनके कोई बच्चे नहीं थे, और उनके ज़्यादातर रिश्तेदार या तो मर चुके थे या दूसरे शहरों में चले गए थे।
अंतिम संस्कार से लौटकर जेक और उसकी माँ, मिस्टर बेसलर के पुराने मकान पर रुके। जेक पुराने घर के दरवाज़े पर कुछ देर रुका और बरामदे को देखने लगा। जब वे घर के अंदर पहुंचे तो उन्होंने पाया की घर की सारी चीज़ें एकदम वैसी ही हैं, जैसा की उसके बचपन में थी! हर तस्वीर, हर फर्नीचर अपने अंदर यादों का देर समाये हुए था। तभी जेक को अचानक कुछ याद आया, वह इधर उधर देखें लगा।
“क्या बात है जेक?” उसकी माँ ने पुछा
“यहाँ एक गोल्डन बॉक्स रखा रहता था वह नहीं है!” जेक ने जवाब दिया।
“माँ, यहाँ टेबल पर मिस्टर बेसलर एक गोल्डन बॉक्स रखते थे, मेने कई बार उनसे पुछा था की इसमें क्या है? और वो हर बार यही कहते थे की “इसमें मेरी सबसे कीमती चीज़ है!” जेक ने कहा
उसने सोचा की हो सकता है उनका कोई रिश्तेदार उस बॉक्स को ले गया हो।
“अब में कभी नहीं जान पाउँगा की उस बॉक्स में क्या था? चलो अब मुझे सो जाना चाहिए, मुझे कल जल्दी निकलना है।” जेक ने कहा।
दो हफ्ते बाद जेक को अपने मेल बॉक्स में एक नोट मिला उसमे लिखा था “आपका पार्सल आया है, कृपया मुख्य डाकघर से आ कर ले जाइये!”
अगले दिन सुबह जेक पोस्ट ऑफिस पहुंचा और उसने पैकेट ले लिया। बॉक्स काफी पुराना था, लिखावट भी पड़ने में मुश्किल थी लेकिन जब उसने भेजने वाले का नाम देखा तो वह चौक गया, वहां लिखा था ” मिस्टर हेरोल्ड बेसलर”
जैक ने तुरंत अपनी कार में जाकर वह पैकेट खोला। उसमे वही गोल्डन बॉक्स और एक कागज था, जेक के हाथ कांपने लगे जब वह कागज़ पढ़ रहा था, लेटर में लिखा था
“मेरी मोत के बाद यह बॉक्स जेक को भेज देना। यह वही चीज़ है जो मेरी ज़िन्दगी में सबसे कीमती थी !”
लेटर के साथ बॉक्स की एक छोटी चाबी रखी थी। उसके दिल की धड़कने बड़ गयीं और आँखों में आंसू आ गए, बॉक्स में एक शानदार सोने की घड़ी थी और बॉक्स में सुनहरे अक्षरों से यह लिखा हुआ था।
” जेक, तुम्हारे समय के लिए धन्यवाद! हेरोल्ड बेसलेर”
जेक ने मन में सोचा” वे जिस चीज़ के सबसे ज़्यादा कीमती समझते थे, वो मेरे साथ बिताया समय था।!
जेक कुछ समय के लिए घडी को स्तब्ध होकर देखने लगा, फिर उसने अपने ऑफिस फोन लगाकर अपने सारे प्रोग्राम कैंसिल करवा दिए।
“क्यों सर?” उसकी सेक्रेटरी ने पुछा
“मुझे अपने बेटे के साथ कुछ वक़्त बिताना है।” जेक ने जवाब दिया।
Moral of this hindi kahani is
Spend some quality time with your loved ones! that’s real life is”