बारिश को देखकर नहीं नाचता है मोर! मोर के बारे में रोचक जानकारी

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भारत के राष्ट्रिय पक्षी मोर की जानकारी और तथ्य Peafowl information in hindi

मोर एक बड़े आकार का सुंदर पक्षी होता है जो कि Phasianide परिवार का सदस्य है, विश्व में इसकी दो प्रजातियां पाई जाती है एक Asiatic peafowl (pavo) और दूसरी congo peafowl, सामान्य  भाषा में इसे मोर और पीकॉक नाम से जाना जाता है. जैसा कि आपने चित्रों में और शायद वास्तविकता में भी देखा हो की यह अत्यधिक सुंदर पक्षी है, नर मोर के 150 से भी अधिक खूबसूरत रंग बिरंगे पंख होते हैं , प्राचीन काल से ही मोर को ना केवल एक पालतू पक्षी के रूप में रखा जाता था बल्कि इसका मांस का भी सेवन किया जाता था. सन 1963 में मोर को भारत के राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया गया.

मोर के बारे में कुछ तथ्य facts about peafowl hindi

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मोर का प्रचलित नाम – Indian Peafowl

मोर का वैज्ञानिक नाम – Pavo Cristatus

मोर को कब राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया –  सन 1963

मोर का आवास-  घास का मैदान जंगल मानव बस्तियों के आसपास तथा खेतों में

मोर का खाना – मोर सर्वाहारी होते हैं यह कीड़े मकोड़े, कीट पतंगे, सांप, मेंढक आदि खाना पसंद करते हैं.

मोर का वजन –  नर मोर का वजन लगभग 5 किलो होता है तथा मादा का वजन 3.5 किलो होता है

मोर की लंबाई-  मोर की लंबाई दो से ढाई मीटर तक होती है तथा मादा की लंबाई 1 मीटर से कुछ कम

मोर की उम्र-  मोर की औसत उम्र 15 से 20 वर्ष तक होती है

मोर  की गति –  मोर 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से  चलते हैं

मोर को राष्ट्रीय पक्षी क्यों चुना गया है? Why peacock selected national bird

मोर को राष्ट्रीय पक्षी चुने जाने के पीछे का दो मुख्य कारण है एक – मोर का जिक्र भारतीय संस्कृति प्राचीन ग्रंथों, मूर्तिकला, चित्रकला आदि में प्रमुखता से देखा गया है, भारतीय संस्कृति में मोर को प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया,  मोर को राष्ट्रीय पक्षी चुने जाने का दूसरा कारण इसका अत्यधिक सुंदर होना है मोर के समान सुंदर दूसरा कोई भी पक्षी पूरे विश्व भर में नहीं पाया जाता. मोर में विभिन्न प्रकार के रंग होते हैं ठीक इसी प्रकार भारतीय संस्कृति में भी अलग-अलग प्रकार की संस्कृतियां, भाषा, धर्म आदि पाए जाते हैं इसीलिए भी मोर, भारत का सही प्रतिनिधित्व करता है.

नर मोर के ही खूबसूरत लंबे पंख होते हैं जिन्हें वह प्रजनन काल में मादा को रिझाने के लिए एक पंखे की तरह फैला लेता है जिससे यह अत्यधिक सुंदर दिखाई देता है,  मादा के पास सुंदर पंख और लंबी पूछ नहीं होती मादा मोर के पास केवल उड़ने लायक पंख ही होते हैं यह किसी बड़े तीतर की तरह दिखाई देती है.

मोर के पैर अत्यधिक  भद्दे और कुरूप होते हैं, किंवदंतियों और साहित्य में इसीलिए लिखा जाता है कि वह अपने पैरों को देखकर कर रोता है पर वास्तविकता में यह सच नहीं है यह केवल कवियों की कल्पनाएं हैं.

मोर से पहले राष्ट्रीय पक्षी कौन था? Which was national bird before peacock hindi

मोर को सन 1963 में भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया,  इससे पहले भारत का कोई भी राष्ट्रीय पक्षी नहीं था.

क्या मोर बारिश को देखकर नाचता है? Why peacock dances in rain hindi

वास्तव में मोर बारिश को देखकर नहीं नाचता बल्कि,  प्रजनन काल में नर मोर, मादा को रिझाने के लिए नाचता है, मोर का कोई निश्चित प्रजनन काल नहीं होता बल्कि यह पूरी तरह वर्षा पर निर्भर करता है दक्षिण भारत में मोर का प्रजनन काल जनवरी से मार्च के बीच होता है जबकि उत्तरी भारत में मोर का प्रजनन काल जुलाई से सितंबर तक होता है यही समय मानसून और वर्षा का भी होता है.

मोर एक  बड़ा पक्षी है इसलिए इसकी आवाज बहुत तेज होती है और जंगल में दूर से ही सुनाई दे जाती है इसकी आवाज “प्याऊँ प्याऊँ” जैसी होती है, सामान्यता नर मोर,  मादा को बुलाने के लिए इस तरह की आवाज निकालता है तथा कभी-कभी यह शिकारियों को डराने और दूर भगाने के लिए भी इस तरह की आवाज निकालता है.

क्या मोर सफेद भी होते हैं? सफेद मोर कहां पाए जाते हैं? Where white peacock lives

जिस प्रकार से हर जीव में म्यूटेशन हो जाता है उसी प्रकार मोर में भी म्यूटेशन देखा जाता है, आपने देखा होगा कि बाघ पीले रंग के होते हैं लेकिन कई बार आपको सफेद बाघ भी देखने को मिलेंगे, यह उन के डीएनए में म्यूटेशन की वजह से होता है, ठीक इसी प्रकार से मोर में भी म्यूटेशन की वजह से सफेद मोर पैदा होते हैं, यह कोई अलग प्रजाति नहीं बल्कि मोर प्रजाति का ही एक सदस्य होता है जिसका डीएनए बदल गया होता है,  यह सफेद मोर पूरे भारत में कहीं भी पाए जा सकते हैं.

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