इस्लामी हदीस की बातें खुबसूरत फोटो और pdf के साथ
अस सलाम अलय्कुम दोस्तों, हम यहाँ हुज़ूर नबी ए अकरम स.अ.व. की कुछ मुंतखब अहदिसे मुबारका पेश कर रहे हैं, ये हदीस शरीफ ईमान, इस्लाम, मुसलमान, नमाज़ और इबादत, रोज़ा ज़कात हज, मोहम्मद स.अ.व. की ज़ात ए पाक, दुआ के बारे हैं. अकसर लोग इंटरनेट पर 40 हदीस को सर्च करते हैं, हमने यहाँ अभी 60 से कुछ ज्यादा हदीसे पेश की हैं. जो हमारे गैर मुस्लिम पाठक हैं वो शायद हदीस का मतलब ना समझ सकें … हदीस मुबारक स.अ.व. दरअसल अल्लाह के पैगम्बर मोहमद मुस्तफा स.अ.व. की कही गयी बातें हैं . इन्हें Quotes of Muhammad s.a.w. in hindi भी कहा जा सकता है.
हर हदीस ए मुबारका को एक खूबसूरत तस्वीर (hadees images hindi) के रूप में भी दिया गया है, ताकि आप आसानी से इन हदीसों को download कर शेयर कर सकें. आपसे गुज़ारिश है की इन खूबसूरत हदीस मुबारक को ज्यादा से ज्यादा whatsapp, facebook और Instagram पर अपने दोस्तों को शेयर करें.
As salam alaykum friends, we are presenting here a collection of hadees sharif of Huzur Nabiye Akram s.a.w.. these hadees in hindi are on many different topics like iman, islam, musalman, namaz, ibadat,roza, zakat, haj, Mohabbate Raool s.a.w., dua etc. you can also download these hadees in hindi as pdf document. These hadees in hindi images are easy to download and sharing. These beautiful hadees e nabvi in hindi language are excellent to learn about Iman and Islam. These hadees ki baatein are very beneficial for every muslim.
1. Minhaj Us Sawi Hindi Pdf
मिन्हाज उस सवी नाम की यह किताब हदीस ए पाक की एक बहुत बढ़ी किताब है जो शैख़ उल इस्लाम डॉ. मुहम्मद ताहिर उल कादरी के द्वारा संकलित की गई है, इस किताब का हिंदी अनुवाद आप यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं .
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2. Download Hadees in hindi pdf Hadees sharif in hindi-Netinhindi.com
Beautiful Hadees e Nabvi in Hindi
ईमान के बारे में हदीस शरीफ- ईमान क्या है?
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : “ईमान ये है की तु अल्लाह ता आला पर, फरिश्तों पर, और उसकी किताबों पर, उसके रसूलों पर और क़यामत के दिन पर ईमान लाए और अच्छी बुरी तकदीर पर ईमान रखे.”
मुस्लिम शरीफ
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इस्लाम के बारे में हदीस शरीफ- इस्लाम क्या है?
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : इस्लाम ये है की तू इस बात की गवाही दे की अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं, और मुहम्मद स.अ.व. उसके रसूल हैं और तू नमाज़ क़ायम करे, ज़कात अदा करे, रमज़ानुल मुबारक के रोज़े रखे और इस्तिताअत रखने पर बैतुल्लाह का हज करे” मुस्लिम शरीफ
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मोमिन के बारे में हदीस शरीफ – मोमिन कौन है?
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : तुम में से कोइ मोमिन नहीं हो सकता यहाँ तक की मैं उसे उसके वालिद (यानि वालिदैन), उसकी औलाद और दीगर तमाम लोगों से अज़ीज़ तर हो जाऊं.”
बुखारी शरीफ
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भाई के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : तुम में से कों कामिल मोमिन नहीं हो सकता यहाँ तक की अपने भाई के लिए भी वही पसंद करे जो अपने लिए पसंद करता है.
बुखारी शरीफ
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दरूद शरीफ के बारे में हदीस ए नबवी
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : जो शख्स मुझ पर एक बार दुरुद शरीफ पढ़ेगा, अल्लाह ता आला उस पर दस रहमतें नाज़िल फरमाएगा”
मुस्लिम शरीफ
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Quotes of Mohammed s.a.w. in hindi
हदीस ए नबवी –
“हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : बेशक में तकसीम करने वाला हूँ और अल्लाह ता आला मुझे अता फरमाता है”
बुखारी शरीफ
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नमाज़ के बारे में हदीस ए नबवी
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : नमाज़ दीन का सुतून है
बैहकी शुअबुल ईमान
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : जो नमाज़ नहीं पढ़ता उसका कोई दीन नहीं है
तबरानी अल मुआजमुल कबीर
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Islamic hadees in hindi language
रोज़े के बारे में हदीस मुबारक
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : जिसने ईमान की हालत में सवाब की नियत से रोज़े रखे तो उसके साबिका (पिछले) गुनाह बख्श दिए जाते हैं.
बुखारी शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : हर चीज़ की ज़कात है और जिस्म की ज़कात रोज़ा है.
सुनन इब्ने माजा
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हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : बेशक आमाल का दारो मदार नीयतों पर है
बुखारी शरीफ
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मुसलमान कौन है – मुसलमान के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : मुसलमान वो है जिसने अपनी ज़बान और अपने हाथों से दुसरे मुसलमान को महफूज़ रखा.
बुखारी शरीफ
अखलाक अच्छे व्यहवार के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : तुम में सबसे बेहतर वो लोग हैं जिनके अखलाक सबसे अच्छे हैं.
बुखारी शरीफ
झगडा करने वाले के बारे में हदीस ए नबवी
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : अल्लाह ता आला को सबसे ज्यादा ना पसंद वो शख्स है जो सबसे ज्यादा झगडालू हो
बुखारी शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : मोमिन कभी लानत करने वाला नहीं होता
जमेअ तिरमिज़ी
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : रिश्तेदारी तोड़ने वाला जन्नत में दाखिल नहीं होगा
बुखारी शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : चुगलखोर जन्नत में दाखिल नहीं होगा
मुस्लिम शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : जो अल्लाह और क़यामत पर ईमान रखता हो वो अपने हम साये को ना सताए
बुखारी शरीफ
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Hadees in hindi image with pdf to download
मेहमान के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : जो अल्लाह और क़यामत पर ईमान रखता है उसे चाहिए की अपने मेहमान की इज्ज़त करे. बुखारी शरीफ
बड़ो की इज्ज़त के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : हुज़ूर नाबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : वो शख्स हम में से नहीं है जिसने छोटों पर रहम ना किया और बड़ों की इज्ज़त ना की. जमेअ तिरमिज़ी
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बेफायदा व्यर्थ के काम छोड़ने पर हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : किसी शख्स के इस्लाम की खूबसूरती ये है की वो बेफायदा चीज़ों को तर्क कर दे.
जमे अ तिरमिज़ी
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : लोगो में बेहतर शख्स वो है जो लोगो को फायदा पहुंचाता है.
कश्फुल खिफा
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माँ के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : जन्नत माओं के कदमों तले हैं
मुसनद देलमी
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मेहनत करने के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : बेशक अल्लाह हाथ से काम करने वाले मोमिन को पसंद फरमाता है
अल मुआज्मुल औसत
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : बेहतरीन मुआमला मियाना रवी है
दुर्रुल मंसूर
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : ऊपर वाला (देने वाला) हाथ निचे वाले (मांगने वाले) हाथ से बेहतर है”
बुखारी शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : रिश्वत देने वाला और रिश्वत लेने वाला दोनों जहान्नमी हैं
अल मुआज्मुल औसत
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More than 40 Hadees in hindi pdf
किसी को नुकसान ना देने के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : न नुकसान दो ना नुकसान उठाओ
मुस्तदरक हाकिम
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इल्म हांसिल करने के बारे में हदीस ए नबवी
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : इल्म हांसिल करना हर मुसलमान (मर्द व औरत) पर फ़र्ज़ है.
मुस्लिम शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : इल्म हांसिल करो ख्वाह वो चीन में हो
मुसनद बज्ज़ार
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जुहद और तकवा के बारे में हदीस मुबारक
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : सबसे बेहतर ज़िक्र “ला इलाहा इललललाह” है, और सबसे बेहतर दुआ “अल्हम्दोलिल्लाह” है.
मुस्तदरक हाकिम
आखिरत के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : ए अल्लाह बेशक आखिरत की ज़िन्दगी के सिवा कोई ज़िन्दगी नहीं
बुखारी शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : कनाअत एक एसा खज़ाना है जो कभी ख़त्म नहीं होता
दुर्रुल मंसूर
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : खामोशी बुलंद तरीन इबादत है.
मुसनद देलमी
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : सब्र आधा ईमान है
मुसनद शिहाब
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : पाकीज़गी ईमान का हिस्सा है.
मुस्लिम शरीफ
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दुआ के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : कुरआन पढने वाले और उस पर अमल करने वाले की हर दुआ मकबूल हौती है
शुअबुल ईमान
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : वो दुआ रद्द नहीं होती जो अज़ान व इकामत के दरमियान की जाये
सुनन अबू दावूद
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Islami hadees ki baten hindi me
कुरआन के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : तुम में से बेहतर वो शख्स है जो कुरआन करीम सीखे और सिखाए.
बुखारी शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : कुरआन को खूबसूरत आवाज़ से पढ़ा करो
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : हलाल की तलब बुनयादी फराइज़ के बाद सबसे बड़ा फ़रीज़ा है.
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हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : इस्लाम दीन ए रहमत है
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : मुसलमान वो है जिसने अपनी जुबान और अपने हाथ से दुसरे मुसलमानों को महफूज़ रखा.
बुखारी शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : जो मुसलमान किसी मुआहिद शख्स को नाहक़ क़त्ल करेगा अल्लाह ता आला उस पर जन्नत हराम फरमा देगा.
नसाई किताबुल कसामाह
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : खुदा की कसम! वो मोमिन नहीं, खुदा की कसम! वो मोमिन नहीं, खुदा की कसम! वो मोमिन नहीं, अर्ज़ किया गया या रसूलल्लाह स.अ.व. कौन (मोमिन नहीं)? आप स.अ.व. ने फ़रमाया जिसका पडोसी उसकी ईज़ा रसानी से महफूज़ नहीं
बुखारी शरीफ किताबुल अदब
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : हर मुसलमान पर दुसरे मुसलमान की इज्ज़त (की पामाली) उसका माल और उसका खून हराम है
तिरमिज़ी
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : एक मुसलमान दुसरे मुसलमान का भाई है वो न तो उस पर ज़ुल्म करता है न (मुश्किल हालात में) उसे बे यारो मदद गार छोड़ता है जो शख्स अपने (मुसलमान) भाई के काम आता रहता है अल्लाह ता आला उसके काम में (मदद करता) रहता है और जो शख्स किसी मुसलमान की दुनियावी मुश्किल हाल करता है अल्लाह ता आला उसकी उखरवी मुश्किलात में से कोई मुश्किल हाल फरमाएगा और जो शख्स किसी मुसलमान की पर्दा पोशी करता है अल्लाह ता आला क़यामत के दिन उसकी पर्दा पोशी फरमाएगा.
बुखारी शरीफ
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Hadees hindi me with Images
अल्लाह के रसूल से मोहब्बत के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : एक देहाती शख्स ने हुजुर नबिये अकरम स.अ.व. से दरयाफ्त किया या रसूलल्लाह क़यामत कब आएगी? आप स.अ.व. ने फ़रमाया तूने उसके लिए क्या तैयारी कर रखी है, उसने अर्ज़ किया अल्लाह ता आला और उसके रसूल स.अ.व. की मुहब्बत (यही मेरा सरमाया ए हयात है)आप स.अ.व. ने फ़रमाया तु उसी के साथ होगा जिससे तुझे मोहब्बत है.
बुखारी शरीफ किताबुल अदब
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : मेरी उम्मत में मुझसे सबसे ज्यादा मुहब्बत करने वाले वो लोग हैं जो मेरे बाद होंगे उनमे से हर एक शख्स की आरजू होगी की काश वो अपने तमाम अहलो अयाल और मालो दौलत को कुर्बान करके मेरी जियारत करे
मुस्लिम शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : कयामत के दिन लोगो में सबसे ज्यादा मेरे करीब वो शख्स होगा जिसने उनमे से सबसे ज्यादा मुझ पर दरूद भेजा होगा
तिरमिज़ी
हुज़ूर नाबिये अकरम स.अ.व. जब वुजू फरमाते तो करीब था की लोग वुजू के पानी पर आपस में लड़ मरते.
बुखारी शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : जिसने मेरी इताअत की तो उसने अल्लाह की इताअत कि और जिसने मेरी ना फ़रमानी की तो उसने अल्लाह की ना फ़रमानी की.
बुखारी शरीफ
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इबादत के बारे में हदीस मुबारक
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : सुबह के वक़्त तुम्हारा इल्म का कोई बाब सीखना, चाहे उस पर अमल हुआ या ना हुआ, वो तुम्हारे एक हज़ार रकात नाफिल अदा करने से बेहतर है.
इब्ने माजा
Hadees E pak in Hindi
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : हमारे और उन (काफिरों) के दरमियान अहद नमाज़ ही है जिसने इसे छोड़ा उसने कुफ्र किया
तिरमिज़ी
हज के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : जिसने इस घर काबा का हज किया पस वो न तो औरत के करीब गया और ना कोइ गुनाह किया तो (तमाम गुनाहों से पाक होकर) इस तरह वापस लौटा जेसे उसकी माँ ने उसे अभी जन्म दिया था
बुखारी शरीफ
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हुज़ूर की विलादत के बारे में हदीस शरीफ
हुजुर नाबिये अकरम स.अ.व. से पीर के दिन के रोज़े के बारे में पुछा गया तो इस पर आप स.अ.व. ने फ़रमाया
“ये वो दिन है जिसमे मेरी विलादते बा सआदत हुई और इसी दिन में मबऊस हुआ या इसी दिन मुझ पर कुरआन नाज़िल हुआ.
मुस्लिम शरीफ
ज़कात के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : जिसने माल जमा किया और उसकी ज़कात अदा ना की उसके लिए तबाही है.
बुखारी शरीफ किताबुज़कात
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : वो शख्स हम में से नहीं जो कुरआन मजीद को (खूब) खुश इल्हानी के साथ नहीं पढता
बुखारी शरीफ
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Nabi s.a.w. ki Hadees ki baten in Hindi language
अच्छे अखलाक के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : तुम में से सबसे ज्यादा महबूब और क़यामत के दिन मेरे नज़दीक तरीन बैठने वाले वो लोग हैं जो तुम में से अखलाक में अच्छे हैं.
तिरमिज़ी
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : यक़ीनन मोमिन हुस्ने अखलाक के ज़रिए दिन को रोज़ा रखने वाले और रातों को कियाम करने वाले का दर्जा हांसिल कर लेता है.
सुनन अबू दाउद किताबुल आदाब
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : एक मुसलमान के दुसरे मुसलमान पर पांच हक है : सलाम का जवाब देना, बीमार की इयादत करना, उसके जनाजे के साथ जाना, उसकी दावत कुबूल करना, छींक का जवाब देना.
बुखारी शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : वो शख्स हम में से नहीं जिसने छोटों पर रहम ना किया और बड़ों की इज्ज़त न की
जमे अ तिरमिज़ी
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : पछाड़ने वाला ताक़तवर नहीं होता, ताकतवर वो है जो गुस्से के वक़्त अपने ऊपर काबू रखे.
बुखारी शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : गुनाह से (सच्ची) तौबा करने वाला उस शख्स की मानिंद है जिसने कोइ गुनाह किया ही ना हो.
इब्ने माजा
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : दो आँख को (दोज़ख की) आग नहीं छुएगी, (एक) वो आँख जो अल्लाह ता आला के खौफ से रोई और (दूसरी) वो आँख जिसने अल्लाह ता आला की राह में पहरा देकर रात गुज़ारी.
जामेअ तिरमिज़ी
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Islam ki hadees ki achchi baten in hindi
रोज़ी के बारे में हदीस शरीफ
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : अगर तुम अल्लाह पर इस तरह भरोसा करते जैसा भरोसा करने का हक़ है तो तुम्हे इस तरह रिज्क दिया जाता जिस तरह परिंदों को रिज्क दिया जाता है वो सुबह को भूखे निकलते हैं और शाम को पेट भरकर वापस आते हैं.
जामेअ तिरमिज़ी
हुज़ूर नबिये अकरम स.अ.व. ने फ़रमाया : हज़रत हारिस बिन मालिक अंसारी रजी. से मर्वी हैं की एक मर्तबा आप स.अ.व. ने उन्हें फ़रमाया तुम्हारे ईमान की हकीक़त क्या है? उन्होंने अर्ज़ किया या रसूलल्लाह स.अ.व. मेरा नफ्स दुनिया से बे रगबत हो गया है और इसी वजह से अपनी रातों में बेदार और दिन में (दीदारे इलाही की तलब में) प्यासा रहता हूँ और हालत ये है गोया में अपने रब के अर्श को सामने ज़ाहिर देख रहा हूँ
तबरानी
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