Hindi Kahani – You can not paint the world green!
हिंदी कहानी आप दुनिया को नहीं बदल सकते
बहुत समय पहले चीन में एक राजा था, जिसके पास बहुत ज़्यादा धन दौलत थी। एक बार उसकी आँखों में तेज़ दर्द की बीमारी हो गयी, उसने कई वैद्यों और हकीमों से इलाज कराया, तरह तरह की जड़ी बूटी और दवाइयाँ ले कर देखी पर उसकी आँखों का दर्द बढ़ता ही गया। जितना ही ज़्यादा वह दवाई लेता था उसकी आँखों का दर्द उतना ही बढ़ता जाता था।
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फिर एक मंत्री के सलाह पर, राजा ने, एक बूढ़े बौद्ध भिक्षु को बुलाया जो लोगो की बीमारियां ठीक कर दिया करता था। बौद्ध भिक्षु ने राजा की आँखों की काफी देर तक जाँच की और कहा ” महाराज आपकी आँखों का दर्द ठीक हो सकता है, अगर आप हरे रंग की वस्तुओं को देखें और दूसरे रंगो से अपनी आँखों को बचाए!”।
राजा ने बात मान ली और कहा “चलो ठीक है जब इतना कुछ try किया है तो यह भी करके देख लेतें हैं।”
बौद्ध भिक्षु के जाने के बाद, राजा ने अपने मंत्रियों को हुक्म दिया की, महल को और चारो तरफ की दीवारों को, और उन सभी वस्तुओं को जिन पर राजा की नज़र पढ़ती थी, को हरे रंग से पोत दिया जाये। राजा के मंत्रियों ने एसा ही कर दिया।
कुछ दिनों बाद जब बौद्ध भिक्षु फिर से राजा को देखने आया तो उसके सिपाहियों ने उसको रस्ते में ही रोककर एक हरे रंग का गाउन पहना दिया और कहने लगे की हमारे राजा किसी और हरे रंग के सिवा किसी रंग को नहीं देखते हैं ताकि उनका आँखों का दर्द वापस ना आ जाये।
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बौद्ध भिक्षु राजा के पास गया और वह अपनी हंसी को नहीं रोक पाया उसने मुस्कुराते हुए कहा “महाराज, अगर आप हरे रंग के कांच से एक चश्मा बनवा लेते तो आपको इतना खर्च करने और हर चीज़ को हरा रंगने की मुसीबत उठाने की ज़रुरत नहीं होती। आपके पास चाहे जितनी अधिक धन संपत्ति हो, आप पूरी दुनिया को हरे रंग में नहीं रंग सकते”।
आप पूरी दुनिया को नहीं बदल सकते हो आपको सिर्फ अपने आप को बुराई से बचाने की कोशिश करनी चाहिए।
Moral of this hindi kahani is
It is foolish to shape the world, let us shape ourselves first.