Hindi Kahani – Lunch with Angel
हिंदी कहानी – फ़रिश्ते के साथ लंच
जॉन को किताबें पढ़ने का शौक था, परियों की कहानियां, सांता क्लॉज़, फ़रिश्ते और ना जाने किन किन बातों के बारे में पढ़ कर वह रोमांचित हो जाता! वह सोचता की ये सब पारियां, फ़रिश्ते दुनिया में होते हैं, और अगर होते हैं तो क्या में इन्हे देख सकता हूँ?
ऐसे ही एक दिन उसने अपनी माँ से पुछा ” मॉम, क्या एंजेल्स वास्तव में होते हैं, क्या कोई उन्हें देख सकता है?”
“हाँ बेटा, GOD ने एंजेल्स बनाये हैं, और वह सारी दुनिया में होतें हैं।” जॉन की माँ एक स्कूल टीचर थी, उसे सुबह सुबह जल्दी जाना होता था, इसलिए वह छोटा सा जवाब देकर अपने काम में लग गयी। (Hindi Kahani)
लेकिन जॉन के मन में यही बात सारा दिन घूमती रही और उसने तय किया की क्यों न संडे के दिन एंजेल्स को देखने जाया जाय। संडे के दिन सुबह उठा और अपने बेग में कुछ स्नैक्स और बहुत सी ब्रेड रख ली और घूमने निकल पड़ा। जॉन काफी देर तक शहर के बाज़ारों में घूमता रहा पर उसे एंजेल्स जैसी कोई चीज़ नहीं दिखाई दी, आख़िरकार वह थक गया, उसने सोचा क्यों न कुछ खा लिया जाय और थोड़ी देर आराम कर लिया जाय, तभी जॉन को ध्यान आया की यहाँ से कुछ दुरी पर एक बहुत बड़ा पार्क है, उसने सोचा की वही पहुँच कर में लंच भी कर लूँगा और हो सकता है की फ़रिश्ते वहां पार्क में आते हों, क्यों की पार्क ही एक शांत जगह है और इधर शहर में तो इतनी भीड़ भाड़ और ट्रैफिक है। (Hindi Kahani)
जॉन एक घने पेड़ की छाँव के निचे राखी बेंच पर बैठकर आराम से अपने स्नेक्स और ब्रेड खाने लगा! तभी उसने देखा की वहां एक गरीब बूढ़ी औरत बैठी थी, जो उसकी तरफ देख रही थी। जॉन ने सोचा यह बूढ़ी औरत भी भूखी है और मेरे पास ज़रुरत से ज़्यादा ब्रेड्स हैं, यही सोचकर उसने ब्रेड का एक टुकड़ा उस बूढ़ी औरत को दे दिया!
उस वृद्ध महिला ने, जो की बहुत भूखी थी, तुरंत आगे बढ़कर, मुस्कुराते हुए ब्रेड का टुकड़ा ले लिया और खाने लगी। उसकी ख़ुशी और मुस्कराहट जॉन को बहुत अच्छी लगी और वह भी मुस्कुरा दिया।ब्रेड का टुकड़ा जल्द ही ख़त्म गया, तब जॉन ने उसे एक और ब्रेड दे दी! और इसी तरह दोनों खाना कहते रहे। खाना खाकर वह बूढ़ी औरत उठी और जॉन को हाथ से गुड बाय का इशारा करते हुए चली गयी, उसके चेहरे पर संतोष की मुस्कुराहट थी। (Hindi Kahani)
वक़्त बहुत हो चला था इसलिए जॉन भी उठकर घर की और चल दिया। उसके चेहरे पर भी संतोष की एक मुस्कराहट और खुशी थी, जो हमेशा किसी की निस्वार्थ मदद करने पर मिलती है। जैसे ही जॉन घर पहुंचा उसकी मम्मी ने पुछा “जॉन तुम कहाँ थे अब तक, में तुम्हे कब से ढूंढ रही थी?”
“मॉम, में तो पार्क गया था, वहां मेने एक बूढी औरत को देखा, जिसकी मुस्कुराहट बहुत ही सुन्दर थी!” जॉन ने ख़ुशी से जवाब दिया।
” ओह जॉन तुम मुझे बिना बताये कहीं मत जाया करो! में कितनी परेशान थी!”
“ओके मॉम” जॉन ने कहा। (Hindi Kahani)
जॉन ने रात को सितारों भरे आसमान में देखकर सोचा “शायद वह बूढ़ी औरत ही फरिश्ता हो, क्यों की इतनी सुन्दर मुस्कुराहट तो किसी फ़रिश्ते की ही हो सकती है! ठीक उसी वक़्त, वह बूढ़ी औरत भी सितारों की तरफ देखकर GOD को धन्यवाद दे रही थी की उसने अपने एक फ़रिश्ते को पार्क में भेजकर उसे खाना खिलाया ! (Hindi Kahani)
कहानी की शिक्षा
आजकल हम सभी ने, किसी की निस्वार्थ मदद करना, चंद अच्छे बोल बोलना, किसी की बात सहानुभूति से सुनना, दिल से किसी के अच्छे काम की तारीफ करना, किसी की परवाह करने के छोटे छोटे काम, लगभग छोड़ ही दिया है, लेकिन यही छोटी छोटी चीज़ें बहुत शक्तिशाली हैं और ज़िन्दगी में असली ख़ुशी इन्ही से मिलती है।
ज़िन्दगी में आपको कई लोग मिलेंगे, आप अपने अंदर, उन्हें GOD के फ़रिश्ते की एक झलक दिखा सकते हैं।
Moral of this Hindi kahani is
Many peoples will come in your life, let them see GOD’s Angel in you !