Hindi Kahani – Parindon ki ummeed
हिंदी कहानी – परिंदों की उम्मीद
क्या आपने कभी परिंदों के बर्ताव, उनके व्यहवार को ध्यान से देखा है?
कई दिन लगातार मेहनत करके वो अपना घोंसला बनतें हैं, कई बार दूर दूर से उठकर तिनके लातें हैं।
और जब उनका घोंसला तैयार हो जाता है और वे उसमे अंडे देने ही वाले होतें हैं के की तभी कोई तेज़ हवा का झोंका, इंसान या कोई जानवर उसे निचे गिराकर बर्बाद कर देतें हैं और परिंदों किस सारी मेहनत बर्बाद हो जाती है।
क्या परिंदे मायूस हो कर रूक जातें हैं?
क्या वे घबरा कर अपना काम छोड़ देतें हैं?
नहीं !!
वे बार बार घोंसला बनाते रहतें हैं जब तक की उसमे अंडे ना दे दे।
कई बार एसा होता है की अंडो से बच्चे निकलने से पहले ही उनका घोंसला फिर बर्बाद कर दिया जाता है, और इस बार उनके अंडे भी बेकार चले जातें हैं।
उन्हें बहुत दुःख होता होगा फिर से नया घोंसला बनाने में।
इतना होने पर भी परिंदे नहीं रुकते, वे गाना और घोंसला बनाना जारी रखतें हैं।
क्या आपको कभी लगता है की आपकी ज़िन्दगी, आपका काम, आपका परिवार वैसा नहीं है जैसे की होने का आपने सपना देखा था! क्या आप कभी मुसीबतों से घबरा जातें हैं और आपका कहने का मन होता है की बस अब बहुत हुआ!!! यह दुनिया रहने के लायक नहीं है।
क्या आप ज़िन्दगी की मुश्किलों से थक चुके हैं, आपको धोखा दिया जाता है, आपके लक्ष्य पूरे नहीं होते।
ज़िन्दगी कभी कभी आपको निचे गिरा कर धूल में मिला देती है ! लेकिन हिम्मत मत हारिये, आप परिंदो से ज़्यादा ताकतवर और बुद्धिमान हैं, जब वो अपनी ज़िन्दगी से लड़ कर जीत सकतें हैं तो आप क्यों नहीं? उम्मीद पर भरोसा रखिये।
Moral of this Hindi Kahani is
No matter what happens……Never give up till you are alive