दोस्तों को शेयर कीजिये
Rumi-ki-kahaniyan
Rumi Ki kahaniyan

रूमी की कहानियाँ, हिंदी में कवि रूमी की कहानियां, शायर रूमी की शिक्षाप्रद कहानियां

हकीम और बूढ़ा आदमी

एक बार एक बूढ़ा आदमी एक जवान हकीम के पास गया।
उसने कहा ” हकीम साहब, मेरी याददाश्त कमज़ोर हो गयी है!, जिसकी वजह से में बहुत परेशान रहता हूँ। ”
हकीम ने कहा ” यह सब बुढ़ापे की वजह से है !”
बूढ़ा आदमी बोला “मेरी आँखे भी कमज़ोर हो गयीं हैं।”
हकीम ने कहा ” यह भी बुढ़ापे की वजह से है !”
बूढ़े व्यक्ति ने कहा ” मेरी कमर में भी बहुत तकलीफ रहती है !”
हाकिम बोला ” जनाब, बुढ़ापे की निशानियों में से एक निशानी यह भी है।”

बूढ़े व्यक्ति ने फिर कहा ” मेरा हाजमा भी कमज़ोर हो गया है, यहाँ तक की हलकी खुराक भी मुश्किल से हज़म कर पता हूँ।”
इस पर हकीम ने कहा ” बुढ़ापे में इंसान की पाचन शक्ति भी कमज़ोर हो जाती है।”
बूढ़ा आदमी बोला ” मुझे साँस लेने में भी बहुत तकलीफ होती है। ”
हकीम बोला ” जी हाँ जनता हूँ, आप जैसे उम्र के लोगों में यह तकलीफ हो ही जाती है!, ज़ाहिर है बुढ़ापा है और हज़ार दर्द ”
बूढ़े आदमी ने कहा ” मेरे पाँव भी अब जवाब दे रहें हैं।”

हकीम ने जवाब दिया ” जी हाँ, बुढ़ापा, इंसान को घर में बैठने पर मजबूर कर देता है! “

बूढ़ा यह सब सुनकर बहुत गुस्से में आ गया और उसने झुंझलाकर हकीम से कहा ” तुम एक बेवकूफ हकीम हो, तुम ने कुछ भी ज्ञान हांसिल नहीं किया है, हर दर्द और तकलीफ का सिर्फ एक ही कारण बताते हो! तुम बिलकुल जाहिल हो! तुम्हारे पास आकर मेने अपना समय बर्बाद किया।”

यह सब सुनकर हकीम ने बड़ी विनम्रता से जवाब दिया ” ये आपकी झुंझलाहट और गुस्सा बुढ़ापे की वजह से ही है ! ”

Hindi Kahani, Rumi ki Hindi kahaniyan, Rumi ki Kahaniyan, Shikshaprad kahaniyan, Moral Stories in Hindi, moral stories of Rumi in Hindi, Rumi Moral Stories.

दोस्तों को शेयर कीजिये

One thought on “Rumi Ki Kahaniyan – हकीम और बूढ़ा आदमी

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Net In Hindi.com